महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश की लखनऊ पुलिस ने एक अनूठा प्रयोग किया है। लखनऊ पुलिस ने परेशान महिलाओं के चेहरे को पढ़ने के लिए AI आधारित सिक्योरिटी कैमरा इंस्टाल किया है।
मुख्य रूप से इसका उद्देश्य महिलाओं को बचाना है। इसके साथ ही शहर के ऐसे इलाकों में जहां पर महिलाएं को परेशान किया जाता है और उन्हें बदसलूकी का सामना करना पड़ता है, उन्हें इससे बचाना पुलिस की पहली प्राथमिकता है।
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यह AI आधारित सिक्योरिटी कैमरा मुख्य रूप से महिलाओं के चेहरे को पढ़ने का काम करेंगे और साथ में नजदीकी पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना भी देंगे। यह सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन को तभी मिलेंगी जब कैमरा को लगेगा कि महिलाओं के साथ बदसलूकी हुई है और उन्हें परेशान किया गया है। यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के ‘मिशन शक्ति’ प्रोग्राम के तहत लॉन्च किया गया है। इसे अक्टूबर 2020 में ही लॉन्च किया गया था।
लखनऊ पुलिस के पुलिस कमिश्नर ध्रुव कुमार ठाकुर ने मीडिया को बताया कि पूरे शहर में कुल 200 से ज्यादा स्थानों को चिन्हित किया गया है जहां पर महिलाओं को ज्यादा परेशान किया जाता है। इसलिए यहां पर ज्यादा टारगेट किया जा रहा है और शुरुआत में 5 AI आधारित सिक्योरिटी कैमरा लगाया जा रहा है।
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प्रतिकूल परिस्थितियों में यह कैमरा नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचना प्रदान करेगा। यह सूचना महिलाओं के इमरजेंसी कॉल करने से पहले ही पुलिस स्टेशन को दे दिया जाएगा।
इस प्रोग्राम का मुख्य और प्राथमिक उद्देश्य शहर में हो रहे महिलाओं के साथ बदसलूकी और परेशानी को कम करना है। शहर में महिलाओं को ज्यादा सुरक्षित महसूस करवाना इसकी प्रथमिकता है।
हालांकि कुछ तकनीकी पंडित ने इस पहल को गलत बताया है और नकारात्मक कॉमेंट भी किए है। कुछ का कहना है कि यह महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने की बजाय उनकी प्राइवेसी का हनन करेगा।