Holi Celebrated in Mathura

मथुराः ब्रज में होली रे रसिया…धुन पर उड़े अबीर-गुलाल

888 0

मथुरा। जिले के द्वारकाधीश मंदिर में अबीर गुलाल की होली (Holi Celebrated in Mathura) खेली गई। भले ही अभी होली के त्योहार को आने में काफी समय शेष हो, लेकिन ब्रज में फाग महोत्सव बसंत पंचमी से ही प्रारंभ हो जाता है। ब्रज के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में सुरमधुर रसिया गायन के साथ-साथ अबीर गुलाल (Holi Celebrated in Mathura) की होली खेली गई। श्रद्धालु भक्त आपने आराध्य के साथ होली खेलने से खुद को रोक नहीं पाए। रसिया की तान सुनते ही वक्त अपने आराध्य के सामने अपनी-अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सभी भक्त भक्ति में लीन होकर आनंद की अनुभूति करते रहे।

मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश में सभी कार्यक्रमों का निर्धारण मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 बृजेश कुमार महाराज के द्वारा किया जाता है। उन सभी कार्यक्रमों का निर्देशन मंदिर के गोस्वामी श्री श्री 108 काकरोली युवराज डॉक्टर भागीश कुमार महाराज के द्वारा किया जाता है।

CM योगी से पश्चिमी उप्र के किसानों के प्रतिनिधिमण्डल ने की भेंट

राकेश तिवारी ने बताया कि बसंत पंचमी के दिन से प्रारंभ हुई होली महोत्सव जो पूरे ब्रज मंडल में प्रारंभ हो जाती है। ठाकुर द्वारकाधीश महाराज को गुलाल लगाया जाता है और प्रसादी गुलाल बसंत पंचमी से ही भक्तों के लिए दिया जाता है। मतलब भक्त प्रसाद के रूप में गुलाल को ग्रहण करते हैं और यह क्रम निरंतर चलता रहता है।

जहां तक मंदिर का सवाल है तो पूर्णिमा के दिन यह होली का डांडा गड़ता और पड़वा के दिन से प्रातः काल रोज ठाकुर जी को ब्रज के प्रसिद्ध रसिया सुनाए जाते हैं, जो प्रातः काल 10 से 11 बजे तक होते हैं। इस दौरान मंदिर में जो विभिन्न मनोरथ होंगे, उसमें कुंज एकादशी है। ठाकुर जी को बगीचे में विराजमान कर होली खेली जाती है।

40 दिन तक कान्हा की नगरी में खेली जाती है

यूं तो पूरे भारत के कोने-कोने में होली का त्योहार बड़ी उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। वहीं कान्हा की नगरी मथुरा में होली के त्योहार को अलग ही ढंग से मनाया जाता है। बसंत पंचमी से ही जनपद मथुरा में होली की शुरुआत हो जाती है और अनवरत 40 दिनों तक खेली जाती है। देश-विदेश से आए श्रद्धालु भक्त मथुरा के प्रसिद्ध मंदिरों में अपने आराध्य के साथ होली खेल अपने आपको आनंदित और कृतज्ञ करते हैं। वहीं प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर में भी बसंत पंचमी के दिन से ही होली का आगाज हो जाता है। भगवान को गुलाल अर्पित कर भक्तों में प्रसाद के रूप में उड़ा कर बांटा जाता है।

Related Post

Kedarnath Dham

विधि-विधान से खुले ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट

Posted by - May 10, 2024 0
केदारनाथ धाम। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत में स्थित विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम ( Kedarnath Dham) के कपाट…
PM Modi

राममंदिर पर ‘बाबरी ताला’ लगाना चाहते हैं कांग्रेस के शहजादे : प्रधानमंत्री

Posted by - May 22, 2024 0
बस्ती। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने कहा है कि कांग्रेस के शहजादे राममंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले…