जानें एक ऐसी महिला के बारे में जो थी तो ब्रिटिश लेकिन भारत की आज़ादी के लिए किया ऐसा संघर्ष….

765 0

लखनऊ डेस्क। भारत की आज़ादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली श्रीमती एनी बेसेंट भले ही ब्रिटिश समाज में जन्मीं हों लेकिन दिल से वह पूरी तरह भारतीय थीं। 1 अक्टूबर को जन्मी एनी बेसेंट ने भारतीयों को जागरुक करने, उनका अधिकार दिलाने हेतु अपनी पूरी ताकत झोंक दी। विशेषकर भारतीय महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

1 अक्टूबर 1847 को जन्मीं एनी बेसेंट के अंग्रेज़ पिता पेशे से डॉक्टर थे, वहीं बेसेंट की गणित और दर्शन में गहरी रुचि थी। डॉ बेसेंट माता पिता के धार्मिक विचारों से बहुत प्रभावित थीं। लेकिन जल्द ही उनके पिता चल बसे और उनकी शिक्षा दीक्षा की ज़िम्मेदारी मां के कंधों पर आ गयी।

वह 16 नवंबर 1893 को मद्रास के अडयार में थियोसोफिकल सोसायटी के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आईं। और फिर वह भारत की ही होकर रह गईं। 1898 में उन्होंने वाराणसी में सेंट्रल हिंदू कॉलेज की स्थापना की। 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। पहले विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने साप्ताहिक समाचार पत्र कॉमनविल की स्थापना की।

उनके जीवन का मूलमंत्र कर्म था। इसी पर वो अपने उपदेश देती थीं। कहा जाता है कि वो भारत को ही अपनी मातृभूमि समझती थीं। महात्मा गांधी से लेकर उनके दौर के सामाजिक नेताओं ने हमेशा उसकी प्रशंसा की। भारत की आज़ादी के लिए हर बलिदान देने के लिए वह तैयार रहती थीं।

Related Post

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव : 177 उम्मीदवारों की सूची जारी, कई विधायकों के टिकट कटे

Posted by - November 2, 2018 0
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची शुक्रवार को जारी कर दी। इसमें 177 उम्मीदवारों के…
अखिलेश यादव

राज्यपाल से मिले सपा प्रमुख अखिलेश यादव, खराब कानून-व्यवस्था पर सौंपा ज्ञापन

Posted by - December 27, 2019 0
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून(CAA) के विरोध में यूपी की राजधानी लखनऊ में माहौल काफी संवेदनशील था। इसी बीच समाजवादी पार्टी…