उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) गिरधारी विश्वकर्मा एनकाउंटर की न्यायिक जांच कराएगी। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से सरकार ने यह निर्णय लिया है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश पंकज जायसवाल को गठित न्यायिक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। इस हत्याकांड से पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह के भी तार जुड़े हुए हैं।
अजीत सिंह हत्याकांड में शूटर था गिरधारी
मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ज्येष्ठ उप प्रमुख अजीत सिंह की हत्या से जुड़े इस मामले की तह तक जाने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है. ज्ञात हो कि गत छह जनवरी को सूबे की राजधानी के कठौता चौराहे पर गैंगवार हुआ था। उस गैंगवार में अजीत सिंह की हत्या हो गयी थी। बतौर पुलिस इस घटना में गिरधारी की बतौर शूटर भूमिका रही थी। इसी आधार पर पुलिस ने गिरधारी को दिल्ली से पकड़ा था। पुलिस गिरधारी को घटनास्थल पर ले गयी, जहां से वह भागने की कोशिश में मारा गया था।
परिजनों ने उठाए थे सवाल
इस एनकाउंटर पर गिरधारी के परिजनों ने सवाल खड़े किए थे। वकीलों ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिसकर्मियों पर एफआईआर का आदेश हुआ था।
हालांकि बाद में इस आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। अजीत सिंह हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर साजिश रचने का आरोप है। योगी सरकार में हाल के दिनों में विकास दुबे एनकाउंटर के बाद इस दूसरी घटना की न्यायिक जांच का निर्णय लिया गया है। आपको बता दें कि विकास दुबे के एनकाउंटर पर भी सवाल खड़े हुए थे और उसमें भी कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे।