मोदी सरकार द्वारा आजादी के जश्न के लिए मनाए जा रहे अमृत महोत्सव का एक पोस्टर भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् ने जारी किया है। इस पोस्टर में देश के पहले प्रधानमंत्री रहे जवाहर लाल नेहरू को शामिल नहीं किया गया है, उनके स्थान पर वीर सावरकर को जगह मिली है। इस पोस्टर के सामने आने के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है, कांग्रेस ने कहा- जिसने देश को संवारा उसे ही आज भुला दिया।
वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने तंज कसते हुए लिखा- सावरकर की जगह सॉरी ही लिख देते और किसी महापुरुष को इसमें शामिल कर देते। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने लिखा- गांधी को चरखे से हटाकर मोदी बैठे, नेहरू को हटाकर सावरकर को लाए, लेकिन नाम बदलने से इतिहास नहीं बदल सकता।
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आम आदमी पार्टी के नेता और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए बीजेपी को कटघरे में घेरने की कोशिश की है। वहीं एनसीपी नेता माजिद मेमन ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि जवाहरलाल नेहरू को कभी भुलाया नहीं जा सकता, और वो उन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने आगे से नेतृत्व किया। वर्तमान सरकार की उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश से यही समझा जा सकता है कि ये सरकार राजनीति कर रही है।
                        
                
                                
                    
                    
                    
                    
                    
