सूत्रों का कहना है कि धनंजय सिंह(Dhananjy Singh) लखनऊ पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए किसी अन्य पुराने मामले में कोर्ट में समर्पण कर सकते हैं। दूसरी ओर, धनंजय के वकील गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं।

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लखनऊ पुलिस ने रविवार को जौनपुर पुलिस से संपर्क किया और संभावित ठिकानों पर दबिश दी। क्राइम ब्रांच और विभूति खंड थाने की पुलिस की टीमें धनंजय को गिरफ्तार करने के लिए गठित की गई हैं। पुलिस टीम धनंजय के करीबियों की सूची भी तैयार कर रही है।

इसके साथ ही उन ठिकानों के बारे में पता लगाया जा रहा है, जहां धनंजय के छिपे होने की संभावना है। उधर, दिल्ली के न्यायालय में दी गई एक अर्जी पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की है, जिसमें गिरधारी उर्फ डॉक्टर की सुरक्षा से संबंधित आख्या के बारे में जानकारी मांगी गई है।

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जानें क्या है पूरा मामला:-

गौरतलब है कि 6 जनवरी को अजीत सिंह की विभूति खंड के कठौता चौराहे पर गैंगवार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अजीत आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह हत्याकांड में गवाह थे। इस मामले में आजमगढ़ जेल में बंद कुंटू सिंह, बरेली जेल में बंद अखंड और एक लाख के इनामी गिरधारी को नामजद किया गया था।

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हाल में ही गिरधारी विभूति खंड पुलिस से हुई मुठभेड़ में मारा गया था। गिरधारी को पुलिस कस्टडी रिमाइंड पर विभूति खंड पुलिस असला बरामद करने के लिए लेकर जा रही थी। इसी दौरान उसने दारोगा की पिस्टल छीनकर पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर दी थी। जवाबी कार्रवाई में गिरधारी की गोली लगने से मौत हो गई थी।

पुलिस की छानबीन में धनंजय सिंह(Dhananjy Singh) का नाम सामने आया था, जिसके बाद उन्हें हत्या की साजिश रचने का आरोपित बनाया गया था।