नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में कोविड मामले कर सुनवाई (SC begins hearing on Corona case) शुरू हो चुकी है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्होंने केंद्र का हरफनामा पढ़ लिया है। कोर्ट ने सवाल पूछा है कि वैक्सीन की कीमत में अंतर क्यों? निरक्षर लोग जो कोविन ऐप इस्तेमाल नहीं कर सकते, वह वैक्सिनेशन के लिए कैसे पंजीकरण करवा सकता हैं?
Supreme Court begins hearing in the case where it took suo moto cognizance on issues related to oxygen supply, drug supply, and various other policies in relation to the #COVID19 pandemic. pic.twitter.com/WfgBAXCEXV
— ANI (@ANI) April 30, 2021
अनपढ़ या इंटरनेट एक्सेस ना वाले लोग वैक्सीन कैसे लगवाएंगे
इसके अलवा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे सामने कुछ ऐसी भी याचिकाएं दायर की गई हैं, जो गंभीर रूप से स्थानीय मुद्दो को उठाती है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मुद्दों को उच्च न्यायालय में उठाया जाना चाहिए। वही पीठ ने सवाल किया कि अनपढ़ या जिनके पास इंटरनेट एक्सेस नहीं है, वे कैसे वैक्सीन लगवाएंगे।
केंद्र से कोरोना मरीजों की राष्ट्रीय नीति को लेकर किया सवाल
कोर्ट ने आगे कहा कि पिछले एक साल में केंद्र सरकार ने वैक्सीन कंपनियों पर कितना निवेश किया और कितनी अग्रिम राशि दी? यही नहीं केंद्र को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा कि क्या केंद्र सरकार मरीजों के लिए अस्पतालों में दाखिले पर कोई राष्ट्रीय नीति बना रहा है? क्या मूल्य निर्धारण को विनियमित किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर अपील करने वाले लोगों के खिलाफ कोई राज्य नहीं कर सकता कार्रवाई
कोर्ट ने आगे कहा कि उन डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को इलाज देने के लिए क्या किया जा रहा है जो कोविड-19 के संपर्क में है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सोशल मीडिया पर इस संकट के समय लोगों द्वारा अपील करने पर कोई भी राज्य उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती या कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।