आंगनबाड़ी केंद्र

यूपी के आंगनबाड़ी केंद्र बदलेंगे प्री प्राइमरी स्कूल में, इसी सत्र से चलेगी क्लास

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लखनऊ। जल्द ही यूपी में आंगनबाड़ी केन्द्रों का अस्तित्व समाप्त होने जा रहा है। उसकी जगह पर प्रदेश की योगी सरकार की प्री प्राइमरी स्कूल में बदलने जाने की योजना है। इसकी तैयारी सरकार ने कर ली है। इसका बजट इसी सत्र में पास हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके लिए जिलों में सूचनाएं भेज दी गयी हैं कि एक अप्रैल से प्री प्राइमरी स्कूल चलाने की तैयारी की जाए। प्री-प्राइमरी के बाद बेसिक शिक्षा में एनसीआरटी पैटर्न की पढ़ाई शुरू कराने की भी तैयारी है।

परिषदीय स्कूलों में एनसीआरटी पैटर्न पर पढ़ाई करने की तैयारी

बता दें कि प्री-प्राइमरी स्कूलों में तीन से पांच वर्ष तक के बच्चे पढ़ेंगे। इसके लिए जब तक प्राथमिक विद्यालय अथवा अन्य जगह ग्राम पंचायतों में नये भवन की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक आंगनबाड़ी केन्द्र पर ही पढ़ाई होगी। केन्द्र सरकार द्वारा शिक्षा मिशन के मद में मिले बजट को सरकार इस योजना पर खर्च करेगी। इस अभिनव प्रयोग से सरकार तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे शिक्षा में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में आने की कोशिश करेगा।

योगी सरकार प्रदेश में कर रही है अभिनव प्रयोग

बता दें कि पिछले वर्ष से ही यूपी सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में एनसीआरटी पैटर्न पर पढ़ाई शुरू करने की कवायद शुरू की थी। केन्द्रीय विद्यालय और परिषदीय विद्यालयों में एक अंतर है कि वहां बच्चे प्री-प्राइमरी के बाद जाते हैं। यहां बच्चों को गोला बनाने की शिक्षा से शुरुआत करनी पड़ती है। एनसीआरटी पैटर्न में मान लिया जाता है कि बच्चा प्राथमिक ज्ञान के बाद पहली कक्षा में शुरुआत कर रहा है। इसके बाद से ही शिक्षा के क्षेत्र में नये-नये अभिनव प्रयोग में जुटी यूपी सरकार ने प्री-प्राइमरी शिक्षा के प्रारूप पर काम करने के लिए विभाग से राय मांगी थी, जिस पर पूरा ब्योरा बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों ने बनाकर भेज दिया है।

2020-21 के बजट में आयेगा प्रस्ताव, जिलों में भेजा आदेश

इस पर अमल करते हुए शासन ने इस वर्ष से ही प्री-प्राइमरी विद्यालय चलाने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है। इसके साथ ही निर्णय लिया गया कि अभी इसके लिए नये भवन नहीं बनाए जाएंगे। अभी प्राथमिक विद्यालय या जहां पर प्राथमिक विद्यालय दूर हैं, वहां पर गांव में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ही ये विद्यालय चलाए जाएंगे।

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प्री-प्राइमरी के बच्चों को शिक्षा के साथ ही पुष्टाहार भी दिया जाता रहेगा। उनके शरीर का ध्यान रखने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का दायित्व और बढ़ जाएगा। इस योजना में बच्चों को अध्ययन के साथ ही दूध और पुष्टाहार दिये जाने की व्यवस्था है। इस योजना में भारतीय शिक्षा मिशन और बाल एवं पुष्टाहार विभाग भी शामिल रहेगा। उससे भी पूरा सहयोग लिया जाएगा लेकिन पूरी व्यवस्था के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

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