नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी से इस्तीफा देने के सवाल पर फिलहाल साफ कुछ नहीं बोल रहे हैं। नागरिकता कानून पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि मुझे जो कहना था मैंने बोल दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद ही इस पर किसी तरह का बयान दूंगा।
Janata Dal-United (JDU) Vice President Prashant Kishor on being asked if he will resign from the party: I have said what I wanted to. I will only speak further after meeting with Chief Minister (Bihar CM Nitish Kumar). #Patna pic.twitter.com/v5oEsEb4zY
— ANI (@ANI) December 14, 2019
जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा था कि cab बिल को समर्थन देने से मैं निराश हूं
बता दें कि जदयू ने नागरिकता बिल पर संसद में सरकार का साथ दिया था। हालांकि इसे लेकर पार्टी में ही विरोध के स्वर भी उठे थे। पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा था कि बिल को समर्थन देने से मैं निराश हूं। उन्होंने निराशा जाहिर करते हुए कहा था कि विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।
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इसके साथ ही वरिष्ठ नेता पवन वर्मा ने भी पार्टी के स्टैंड पर सवाल उठाए थे। इसके बाद से ही चर्चा तेज हो गई कि पीके पार्टी छोड़ सकते हैं। इसी बीच खबर ये आई है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल के लिए काम करेंगे। इस बात की जानकारी पीके की कंपनी ने खुद ट्विटकर जानकारी दी है। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने नीतीश कुमार के लिए रणनीतिकार की भूमिका अदा कर सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।