मुख्य न्यायाधीश का दफ्तर भी RTI दायरे में

सीजेआई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले में 24 अप्रैल को होगी सुनवाई

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नई दिल्ली। देश के मुख्य न्‍यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के खिलाफ कथित यौन शोषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की नई बेंच अब बुधवार को सुनवाई करेगी। मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा, रोहिंटन नरीमन और दीपक गुप्‍ता की बेंच के सामने हलफनामा दाखिल करने वाला वकील उत्सव बैंस कोर्ट में उपस्थित नहीं था।

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सुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस से कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में सभी दावे स्पष्ट करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने बैंस को बुधवार को कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस से कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में सभी दावे स्पष्ट करने को कहा है। बता दें कि न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई बुधवार तक के लिए टाल दी है। उत्सव बैंस ने दावा किया था कि मुख्य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में फंसाए जाने की साजिश रची जा रही है।

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वकील उत्सव बैंस ने अपने फेसबुक पोस्ट में किया ये दावा

उत्सव बैंस ने मुख्य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोप के मामले में एक लंबी पोस्ट फेसबुक पर लिखी थी। इस पोस्ट में बैंस ने लिखा कि मुख्य न्‍यायाधीश पर आरोप उन्‍हें बदनाम करने की साजिश के तहत लगाए गए हैं, ताकि वह घबराकर अपने पद से इस्‍तीफा दे दें। बैंस का दावा है कि इस साजिश में उनसे भी संपर्क किया गया था और डेढ़ करोड़ की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्‍होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था।

उत्‍सव बैंस का दावा कि उनसे एक युवक ने रंजन गोगोई के खिलाफ एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने को कहा था

वकील उत्‍सव बैंस का दावा है कि उनसे एक युवक के द्वारा प्रेस क्‍लब ऑफ इंडिया में इस बारे में मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने को कहा था। उस शख्‍स ने आसाराम केस में पीड़िता के पक्ष में मेरे किए गए काम की सराहना की और उसने ये भी कहा कि वो उस पीड़ित महिला का रिश्तेदार है। बैंस ने बताया कि मुझे वह शख्‍स एक ट्रेड एजेंट की तरह लग रहा था, क्योंकि वो मेरे सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। मैंने उससे सवाल किया था कि पीड़िता के साथ आपका क्या रिश्‍ता है मेरे इस सवाल पर वो हड़बड़ा गया और अचानक, उसने मुझसे कहा कि यदि मैं पीड़िता की पैरवी करता हूं तो वह इस केस के लिए मुझको 50 लाख रुपये देगा। मैंने उसकी पेशकश ठुकरा दी थी।

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