अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाने के बाद अब तालिबान को मान्यता देने का क्रम शुरु हो गया है। भारत की अध्यक्षता में यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें तालिबान से आतंकी का टैग हटा लिया गया है। भारत समेत दुनिया के 13 देशों ने तालिबान को अफगानिस्तान में मान्यता दे दी है, मान्यता देने के क्रम में चीन और रूस ने दूरी बनाए रखी। भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा- प्रस्ताव में ये बात रखी गई है कि तालिबान अफगानिस्तान की धरती को आतंकवाद के लिए प्रयोग नहीं करेगा।
भारतीय टीवी मीडिया अभी तक तालिबान को आतंकी ही बताता रहा है, भारत द्वारा मान्यता देने के बाद देखना होगा कि अब इनका क्या रुख है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियां तेज होने के खुफिया इनपुट्स के बीच तालिबान पर एक तरह से पूरी दुनिया का दबाव बना दिया गया है। UNSC प्रस्ताव के जरिए अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को सकुशल वापस लाने से जुड़ी चिंताओं को भी दूर करने की कोशिश हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय चाहता है कि तालिबान ने शांति और सुरक्षा से जुड़े जो वादे किए हैं, उनपर खरा उतरे।
महामारी के बीच महंगाई का कहर जारी, 75 रुपए बढ़ गए एलपीजी सिलेंडर के दाम
न्यूज एजेंसी PTI ने मामले से जुड़े भारतीय सूत्रों के हवाले से कहा कि UNSC प्रस्ताव को पारित कराने में भारत की अहम भूमिका रही। ‘इस वक्त’ अफगानिस्तान को लेकर भारत की जो भी चिंताए हैं, उन्हें इस प्रस्ताव में एड्रेस किया गया है। एक सूत्र ने कहा, “बतौर UNSC अध्यक्ष, भारत ने महसूस किया कि हालात की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा परिषद को एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए।” भारतीय डिप्लोमेट्स पिछले कुछ दिनों से UNSC के प्रमुख सदस्यों के लगातार संपर्क में रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन की बातचीत में भी यह मसला उठा था।