Ayodhya Verdict 2019: सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के दौरान क्यूं ली अनुच्छेद 142 की मदद? पढ़ें पूरा

979 0

अयोध्या। दशकों से चल रहे मंदिर-मस्जिद विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बीते शनिवार को सुना दिया हैं। जोकि राम मंदिर यानि रामलला विराजमान के पक्ष में आया हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया हैं। बता दें कि इस विवादित जमीन का फैसला सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सुनाया था।

बता दें कि यह 70 वर्षों से चल रहा एक ऐतिहासिक फैसला था। जो अब खत्म हो चुका हैं। इस फैसले को देते समय कोर्ट ने अनुच्छेद 142 का जिक्र किया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी अनुच्छेद 142 के मदद से मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में अलग से मस्जिद के लिए जमीन देने का फैसला सुनाया था। तो आज हम आपको यही बताएँगे कि फैसले के समय सुप्रीम कोर्ट ने इस अनुच्छेद की मदद क्यूँ ली। आइये जानते हैं….

दो ट्रेनों के बीच सिग्नल फेल होने के कारण हुआ बड़ा हादसा, कई लोग घायल 

फैसले के दौरान कोर्ट ने कहा था…

विवादित जमीन पर बाबरी मस्जिद तोड़े जाने की घटना का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ‘हम अनुच्छेद 142 की मदद ले रहे हैं, ताकि जो भी गलत हुआ उसे सुधारा जा सके।’

कोर्ट ने कहा कि ‘मस्जिद के ढांचे को जिस तरह हटाया गया था वह एक धर्मनिरपेक्ष देश में कानूनी तौर पर उचित नहीं था। अब अगर कोर्ट मुस्लिम पक्ष के मस्जिद के अधिकार को अनदेखा करता है तो न्याय नहीं हो सकेगा। संविधान हर आस्था को बराबरी का अधिकार देने की बात करता है।’

हॉलीवुड अभिनेत्री हैली बेरी की सिक्स एब्स वाली तस्वीर वायरल 

क्या है अनुच्छेद 142?

संविधान का अनुच्छेद 142 (1) देश के शीर्ष न्यायालय को विशेष अधिकार देता है। इसमें कहा गया है कि ‘किसी लंबित मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट अपने अधिकारक्षेत्र में ऐसे आदेश दे सकता है, जो पूरे देश में इस तरह लागू होगा जैसे संसद द्वारा पारित किसी कानून के अंतर्गत होता है। कोर्ट का आदेश लागू रहेगा जब तक कि इसके निमित्त राष्ट्रपति द्वारा दिए गए आदेश के तहत कोई प्रावधान नहीं बन जाता।’

कुछ विशेष मामलों में जरूरी होने पर सुप्रीम कोर्ट इस अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है। अब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस अनुच्छेद द्वारा दिए गए विशेषाधिकार का इस्तेमाल ज्यादातर मानवाधिकार और पर्यावरण संरक्षण के मामलों में किया गया है।

महाराष्ट्र में हम बहुमत साबित करने में असफल रहे: बीजेपी 

अयोध्या मामले में यह पहली बार हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने निजी पक्षों के बीच चल रहे किसी संपत्ति पर दिवानी मामले में इस अनुच्छेद का इस्तेमाल किया है। इसकी मदद लेते हुए कोर्ट ने कहा कि ‘अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट की शक्तियां सीमित नहीं हैं। पूर्ण न्याय, समानता और हितों की रक्षा के लिए कोर्ट इस विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर सकता है।’

Related Post

साध्वी प्रज्ञा

प्रतिबंध के दौरान साध्वी पर लगा चुनाव प्रचार का आरोप, आयोग ने फिर थमाया नोटिस

Posted by - May 5, 2019 0
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा को चुनाव आयोग ने एक बार फिर नोटिस भेजा है।उनपर अरोप है…
उत्तराखंड,uttarakhand

उत्तराखंड में लोगो को गर्मी से मिली राहत, बर्फबारी और बारिश से मौसम हुआ सुहाना

Posted by - April 30, 2022 0
उत्तराखंड(Uttarakhand) :  देश भर में गर्मी अपना कहर बरपा रही है। लेकिन बीते शुक्रवार से उत्तराखंड(Uttarakhand) में मौसम ने करवट…
आशुतोष टण्डन

स्लम में रहने वालों को रोजगार व आवास उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध: आशुतोष टण्डन

Posted by - March 18, 2020 0
लखनऊ। नगर विकास संसदीय कार्य एवं नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के मंत्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि प्रदेश…

येदियुरप्पा के करीबी के घर IT की छापेमारी, करोड़ों के कॉन्ट्रैक्ट फिक्सिंग का मामला

Posted by - October 7, 2021 0
नई दिल्ली। आयकर अधिकारियों ने गुरुवार को बेंगलुरु सहित कर्नाटक के कई स्थानों पर छापेमारी की। ये छापेमारी कर्नाटक के…
sanjay raut

महाराष्ट्र से देश में परिवर्तन की शुरुआत हुई और हमारा मिशन पूरा : संजय राउत

Posted by - November 27, 2019 0
मुंबई। महाराष्ट्र में मंगलवार को तेजी से बदले सियासी हालात के बाद आखिकार उद्धव ठाकरे को महा विकास आगाड़ी का…