20 साल तक अफगानिस्तान की सत्ता से बेदखल रहने के बाद तालिबान ने एक बार फिर यहां का नियंत्रण हासिल कर लिया है। लेकिन, अफगानिस्तान में चल रहे सत्ता परिवर्तन के इस संकट के बीच मंगलवार की शाम को देश के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने बड़ा एलान किया है। सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया है। उन्होंने कहा कि मैं सभी नेताओं से उनके सहयोग और समर्थन के लिए संपर्क कर रहा हूं।
Clarity: As per d constitution of Afg, in absence, escape, resignation or death of the President the FVP becomes the caretaker President. I am currently inside my country & am the legitimate care taker President. Am reaching out to all leaders to secure their support & consensus.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 17, 2021
अफगानिस्तान में काबुल जीत चुका तालिबान सरकार बनाने की तैयारी में जुटा है। वहीं, दूसरी तरफ अफगान लोगों को मझधार में छोड़कर भाग खड़े हुए उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनसे बहस करना अब बेकार है। सालेह ने नॉर्दन अलायंस की तरह अफगान नागरिकों से तालिबान के विरोध में खड़े होने की भी अपील की है।
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तालिबान के डर से अमरुल्लाह सालेह अफगानिस्तान के पंजशीर घाटी में छिपे हुए हैं। इसे नॉर्दन अलायंस के पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद का गढ़ बताया जाता है। यह इलाका इतना खतरनाक है कि आजतक तालिबान भी इसपर कब्जा नहीं कर सका है। पंजशीर एकमात्र ऐसा प्रांत है जो अब भी तालिबान के कब्जे से बाहर है। उत्तर-मध्य अफगानिस्तान की इस घाटी पर 1970 के दशक में सोवियत संघ या 1990 के दशक में तालिबान ने कभी कब्जा नहीं किया था।