देश में पेगासस स्पाइवेयर विवाद को लेकर बवाल मचा हुआ है, इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रह चुके मार्कण्डेय काटजू ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने लिखा- इस केस की यथार्थवादी ऐंगल से भी जांच की जानी चाहिए। पेगासस मुद्दा भारत में आम आदमी को शायद ही प्रभावित करता है। आम आदमी का मुद्दा- बेरोजगारी, स्वास्थ्य, महंगाई, कृषि संकट, बाल कुपोषण का भयावह स्तर, शिक्षा आदि है।
Supreme Court to hear the plea of senior journalists N Ram & Sashi Kumar next week, seeking inquiry headed by a sitting or retired judge of top court to investigate into the reports of government using Israeli software Pegasus to spy on politicians, activists, and journalists pic.twitter.com/PuBCnVfE27
— ANI (@ANI) July 30, 2021
सच तो यह है कि भारत में आम आदमी अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहा है और उसे पेगासस की शायद ही कोई परवाह है। काटजू ने लिखा- कुछ लोगों की राय है कि पेगासस केस का अर्थ भारत में लोकतंत्र खत्म होने से है लेकिन भारतीय लोकतंत्र बड़े पैमाने पर जातीय और सांप्रदायिक वोट बैंक था।
असम-मिजोरम संघर्ष: अपनों की मौतों का प्रतिशोध लेना होगा, पुलिस- सरकार की भी नहीं सुनेंगे- बोले BJP नेता
सीजेआई ने कहा कि कोर्ट अगले हफ्ते मामले की सुनवाई करेगा। वहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि सुनवाई मंगलवार या बुधवार को नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वो दूसरे मामलों में व्यस्त हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि वो मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट करते समय इसे ध्यान में रखेंगे. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में शीर्ष अदालत के एक मौजूदा या रिटायर जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की गई है। ताकि सरकार की तरफ से इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की जासूसी करने की रिपोर्ट की जांच की जा सके।