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लखनऊ समेत 10 बड़े जिले जनसुनवाई में फिसड्डी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लगातार प्रयासों के बावजूद राजधानी समेत प्रदेश के बड़े जिलों में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। जन समस्याओं के निराकरण में यूपी की राजधानी लखनऊ फिसड्डी साबित हुई है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लगातार प्रयासों के बावजूद राजधानी समेत प्रदेश के बड़े जिलों में जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। जन समस्याओं के निराकरण में प्रदेश के छोटे जिले जहां बाजी मार रहे हैं। वहीं लखनऊ, आगरा, बरेली, अलीगढ़, प्रयागराज और बस्ती जैसे जिले फिसड्डी साबित हुए हैं। शासन की तरफ से आम लोगों की समस्याओं की सुनवाई से जुड़ी कार्यवाही का मूल्यांकन करने के बाद फरवरी में जिलाधिकारियों की परफारमेंस रिपोर्ट तैयार की गई है। जिलों को इस रिपोर्ट से अवगत भी कराया गया है।

डीएम और कप्तान कार्यालय में बैठकर करें सुनवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जिलों में आम लोगों की समस्याओं का निराकरण करने पर जोर दे रहे हैं। सीएम का निर्देश है कि जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान अपने कार्यालय में बैठकर लोगों से मिलें। उनकी समस्याओं को सुनें और समस्याओं का समाधान करें। मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय से जिलाधिकारियों को औचक फोन करके इसकी जांच भी की जा रही है।

वहीं, गृह विभाग पुलिस कप्तानों के कार्यालय में फोन करके उनके बारे में जानकारी एकत्र कर रहा है, ताकि मुख्यमंत्री को अवगत कराया जा सके कि कौन जिला अधिकारी और पुलिस कप्तान अपने कार्यालय में बैठकर जन सुनवाई कर रहा है।

परफॉर्मेंस के आधार पर तैयार की जा रही रिपोर्ट

मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट तौर पर जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों और मंडलायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिले की समस्या का समाधान बिना देरी के निपटाएं, ताकि जिलों के लोग मुख्यमंत्री तक या शासन तक अपनी समस्या को लेकर नहीं पहुंचें। अगर दूरदराज से लोग शासन के समक्ष अपनी समस्याओं को लेकर गुहार लगाने के लिए पहुंचते हैं तो यह माना जाएगा कि जिलों में उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने इन सब चीजों का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के अलावा सीएम हेल्पलाइन और जन समस्याओं से जुड़े हेल्पलाइन सेंटर की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके आधार पर हर माह रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उन सभी अधिकारियों को इससे अवगत भी कराया जा रहा है, ताकि वह अपनी कार्यशैली में बदलाव लाएं और शासन के अनुरूप जन समस्याओं का निदान करें। परफॉर्मेंस के आधार पर ही उन्हें भविष्य में तैनाती दिए जाने की भी सरकार ने व्यवस्था की है।

परफॉर्मेंस के आधार पर जिलों की रैंकिंग

शासन के सूत्रों के मुताबिक अमेठी, गाजियाबाद, चित्रकूट, हरदोई, महोबा, मऊ, बागपत, फर्रुखाबाद, कासगंज को रैंकिंग में प्रथम स्थान मिला है. वहीं, जौनपुर और मैनपुरी को दसवां स्थान मिला है. इसके अलावा सबसे निचले पायदान पर आगरा 75वें स्थान पर है. बस्ती 74, बरेली 73, बलिया 72, लखनऊ 71, मिर्जापुर 70, अलीगढ़ 69, मथुरा 67, प्रयागराज 67 और ललितपुर 64वें नम्बर पर है।

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