नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक समाप्त हो गई है। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है। इस बैठक में भाग लेने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद समेत कई दलों के नेता पहुंचे थे।
Delhi: The all party meeting called by Union Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi, ahead of winter session of Parliament, has now concluded. The Winter Session of the Parliament begins tomorrow.
— ANI (@ANI) November 17, 2019
सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिकता विधेयक पेश करने की सरकार की योजना है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर की स्थिति, आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव होने की संभावना है।
वहीं, नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने के अलावा सरकार की योजना इस सत्र के दौरान दो अहम अध्यादेशों को कानून में परिवर्तित कराना भी शामिल है। आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन को प्रभावी बनाने के लिए सितंबर में एक अध्यादेश जारी किया गया था जिसका उद्देश्य नई एवं घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर में कमी लाकर आर्थिक सुस्ती को रोकना और विकास को बढ़ावा देना है।
दूसरा अध्यादेश भी सितंबर में जारी किया गया था जिसमें ई-सिगरेट और इसी तरह के उत्पाद की बिक्री, निर्माण एवं भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है। लोकसभा चुनाव में मिले अपार जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा नीत राजग सरकार का यह इस कार्यकाल में दूसरा संसद सत्र है।
सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने की तैयारी में है जो भाजपा का अहम मुद्दा है। इसका लक्ष्य पड़ोसी देशों से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करना है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने सत्र के दौरान अपनी कार्यसूची में इस विधेयक को सूचीबद्ध किया है।
सरकार ने इस विधेयक को अपने पहले कार्यकाल में भी पेश किया था लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के चलते इसे पारित नहीं कराया जा सका। विपक्ष ने इस विधेयक की आलोचना करते हुए इसे धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया है। संसद का यह शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा।