रात में नींद न आना ,कही ये वजह तो नहीं? जानिए कैसे आएगी अच्छी नींद

1331 0

 

आज की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में ज़रूरी होती है जी भर ली गई नींद और नींद नहीं आना एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। महानगरों में तो ये आम समस्या बन गई है। लोग नींद की गोलियों के भी आदि हो गए है। अगर आप भी उनमे से एक है तो आइये जानते है ऐसा आखिर होता क्यों है……..

ज्यादातर देखा गया है कि अगर आप मानसिक तनाव, दबी हुई इच्छाएं और मन में तीव्र कड़वाहट लिए हुए बिस्तर पर लेटे हैं, तो आप अनिद्रा का शिकार हो सकते हैं। उच्च रक्तचाप, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों से भी अनिद्रा का सीधा संबंध है।

डॉक्टरों का कहना है कि, “अनिद्रा के अन्य कारणों में कब्ज, अपच, चाय, कॉफी और शराब का अधिक सेवन तथा पर्यावरण में परिवर्तन, यानी अधिक सर्दी, गर्मी या मौसम में बदलाव है. ज्यादातर मामलों में ये सिर्फ प्रभाव होते हैं न कि अनिद्रा के कारण. अनिद्रा तीन प्रकार तीव्र, क्षणिक और निरंतर चलने वाली होती है.”

इस समस्या को स्लीप-मेंटीनेंस इन्सोम्निया भी कहा जाता है , जिसका मतलब है सोए रहने में कठिनाई, या बहुत जल्दी जाग जाना और दोबारा सोने में मुश्किल. पर्याप्त नींद न मिलने पर चिंता बढ़ जाती है, जिससे नींद में हस्तक्षेप होता है और यह दुष्चक्र चलता रहता है. उच्च रक्तचाप, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों से भी अनिद्रा का सीधा संबंध है.

शोध में पता चला है कि लगभग 93 प्रतिशत भारतीय अच्छी नींद से वंचित हैं. इसके कारण जीवनशैली से जुड़ी आदतों से लेकर स्वास्थ्य की कुछ स्थितियों तक हैं. अनिद्रा को आमतौर पर एक संकेत व एक लक्षण दोनों रूपों में देखा जाता है, जिसके साथ नींद, चिकित्सा और मनोचिकित्सा विकार सामने आ सकते हैं. इस तरह के व्यक्ति को नींद आने में लगातार कठिनाई होती है.

क्या करें-

डॉक्टरों ने अनिद्रा से निपटने हेतु सुझाव भी दिए जिसमे कहा गया है कि , “अगर आप कैफीन के प्रति संवेदनशील हैं, तो एक या दो बजे के बाद कैफीनयुक्त पेय पदार्थ लेने से बचें. अल्कोहल की मात्रा सीमित करें और सोने से दो घंटे पहले अल्कोहल न लें. टहलने, जॉगिंग करने या तैराकी करने जैसे नियमित एरोबिक व्यायाम में हिस्सा लें. इसके बाद आपको गहरी नींद आ सकती है और रात के दौरान नींद टूटती भी नहीं है. जितनी देर आप सो नहीं पाते हैं, उन मिनटों का हिसाब रखने से दोबारा सोने में परेशानी हो सकती है. नींद उचट जाए तो घड़ी को अपनी निगाह से दूर कर दें. अगर आपका दिमाग सोच-विचार में लगा है या आपकी मांसपेशियां तनाव में हैं, तो आपको सोने में मुश्किल हो सकती है. दिमाग को शांत करने और मांसपेशियों को आराम देने के लिए, ध्यान करना, गहरी सांस लेना या मांसपेशियों को आराम देने से लाभ हो सकता है.

Related Post

start cycling, jogging, running again

अगर साइकलिंग, जॉगिंग, रनिंग को फिर से करना चाहते है शुरू , तो फॉलो करे यह टिप्स

Posted by - August 19, 2020 0
कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में लोग शारीरिक गतिविधियों जैसे साइकलिंग, जॉगिंग, रनिंग के लिए बाहर नहीं निकल पा…