नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन इसी बीच CAA का विरोध सत्ताधारी बीजेपी के भीतर ही सुगबुगाहट शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष और सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने इस कानून के विरोध में स्वर बुलंद किए हैं। बोस ने कहा है कि जब यह कानून धर्म से संबंधित नहीं है तो इसमें मुस्लिमों को क्यों नहीं शामिल किया गया?
If Muslims are not being persecuted in their home country they would not come,so there's no harm in including them. However, this is not entirely true- what about Baluch who live in Pakistan & Afghanistan? What about Ahwadiyya in Pakistan?
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) December 24, 2019
CAA किसी धर्म से संबंधित नहीं , तो हम क्यों हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन की कर रहे हैं बात
चंद्र कुमार बोस ने ट्वीट कर कहा कि यदि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) किसी धर्म से संबंधित नहीं है। तो हम क्यों हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी और जैन की बात कर रहे हैं। तो मुस्लिम को क्यों शामिल नहीं किया गया? हमें पारदर्शी होने की जरूरत हैं। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भारत की बराबरी या किसी अन्य राष्ट्र के साथ तुलना न करें, क्योंकि यह राष्ट्र सभी धर्मों और समुदायों के लिए खुला है।
Don't equate India or compare it with any other nation- as it's a nation Open to all religions and communities
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) December 23, 2019
पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले बलूच के बारे में क्या कहना है? पाकिस्तान में अहमदिया के बारे में क्या कहना है?
बोस ने ट्वीट कर कहा कि यदि मुसलमानों को उनके गृह देश में सताया नहीं जा रहा है तो वे नहीं आएंगे। इसलिए उन्हें शामिल करने में कोई बुराई नहीं है। हालांकि, यह पूरी तरह से सच नहीं है- पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले बलूच के बारे में क्या कहना है? पाकिस्तान में अहमदिया के बारे में क्या कहना है?
उपाध्यक्ष की तरफ से यह बयान उस समय आया , जब पार्टी ने पश्चिम बंगाल में नागरिकता कानून (CAA) के समर्थन मार्च निकाला
उपाध्यक्ष की तरफ से यह बयान उस समय आया है, जब पार्टी ने पश्चिम बंगाल में नागरिकता कानून (CAA) के समर्थन में एक मार्च निकाला। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में खुली जीप में राज्य के अन्य शीर्ष पार्टी नेताओं के साथ, बीजेपी की ‘अभिनंदन यात्रा’ (धन्यवाद रैली) का आयोजन कर नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए किया गया था।
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इससे पहले, पंजाब में भाजपा-सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने मांग की थी कि देश के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के साथ मुसलमानों को भी सीएए में शामिल किया जाना चाहिए। बता दें कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न से भागकर 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हिंदुओं, सिखों, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को नागरिकता प्रदान करता है।