यूएन अधिकारी का बयान, जल्द स्कूल जाएंगी अफगान लड़कियां, तालिबान करेगा ऐलान

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न्यूयॉर्क। तालिबान के नेतृत्व में अफगानिस्तान के शिक्षा मंत्रालय ने सभी माध्यमिक विद्यालयों को शुरू करने का निर्देश दिया लेकिन, इसमें लड़कियों के स्कूल जाने को लेकर कोई बात नहीं की गई थी। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारानी ने कहा है कि तालिबान जल्द लड़कियों के स्कूल खोलने की घोषणा कर सकता है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि तालिबान ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह बहुत जल्द ही सभी अफगान लड़कियों को माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने की इजाजत दे देंगे। पिछले सप्ताह काबुल की यात्रा पर गए संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के उप कार्यकारी निदेशक उमर अब्दी ने बताया कि अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पांच प्रांतों – उत्तर पश्चिम में बाल्ख, जवज्जान और समांगन, उत्तर पूर्व में कुंदुज और दक्षिण पश्चिम में उरोज्गान में पहले ही माध्यमिक स्कूलों में लड़कियों को पढ़ने की इजाजत है।

तालिबान बना रहा रूपरेखा
उन्होंने कहा कि तालिबान के शिक्षा मंत्री ने उन्हें बताया कि वे सभी लड़कियों को छठी कक्षा से आगे अपनी स्कूली शिक्षा जारी रखने की अनुमति देने के लिए एक रूपरेखा पर काम कर रहे हैं जिसे एक और दो महीने के बीच जारी किया जाएगा। उमर अब्दी ने कहा, माध्यमिक विद्यालय जाने की उम्र वाली लाखों लड़कियां लगातार 27वें दिन शिक्षा से वंचित हैं।

अफगानिस्तान में तालिबान के 1996-2001 के शासन के दौरान उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया था। उनके काम करने और सार्वजनिक जीवन पर रोक लगा दी थी। अब्दी ने कहा कि हर बैठक में उन्होंने तालिबान को लड़कियों की शिक्षा बहाल करने’ पर जोर दिया। इसे खुद लड़कियों और देश के हित में महत्वपूर्ण बताया।

अफगानिस्तान में पैर फैला रहा कुपोषण
काबुल यात्रा पर यूनिसेफ उप प्रमुख ने बच्चों के अस्पताल का भी दौरा किया, जहां कुपोषित बच्चों की तादाद देखकर वह काफी हैरत में पड़ गए, इनमें कुछ शिशु भी थे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया से अफगान अर्थव्यवस्था को ढहने से बचाने और अफगान लोगों की मदद करने का आग्रह किया है। अब्दी ने भी महासचिव की अपील को दोहराया और कहा कि वहां हालात गंभीर हैं और यह बदतर ही होते जाएंगे।

गौरतलब है कि तालिबान की ओर से स्कूल को फिर से खोलने की घोषणा में केवल लड़कों को ही स्कूल वापस जाने के निर्देश दिया गया था। इसमें लड़कियों की वापसी की तारीख का कोई जिक्र नहीं था। यह कदम काबुल में सत्ता संभालने के बाद तालिबान द्वारा किए गए वादों के खिलाफ है।

अमेरिकी सैनिकों के हटने और अफगान सरकार के पतन के बाद तालिबान ने पिछले महीने अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया था। जिसके बाद से यह चिंता पैदा हो गई थी कि वे इस्लामिक कानून को फिर से लागू करेंगे जो लड़कियों को स्कूल जाने से रोकता है।

यूनिसेफ के अनुसार, पिछले दो दशकों में देश में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। स्कूलों की संख्या तीन गुना हो गई। स्कूल में बच्चों की संख्या 10 लाख से बढ़कर 95 लाख हो गई है।

 

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