दिहाड़ी मजदूरी करने वाली यह महिला अपने हौसले के दम पर बनीं बीएड टीचर

843 0

नई दिल्ली। तमाम परेशानियों से जूझती महिला जब अपने दम पर ऊंचाई पर पहुंचती है, तो उसे तो सलाम करना बनता ही है। ऐसा ही कुछ रांची की सरिता के साथ हुआ है वह दिहाड़ी पर मजदूरी किया करती थीं पर पढ़ने की ख्वाहिश ने उन्हें पढ़ने की राह में डाल दिया। खूब मेहनत की और आज वह शहर के महिला कॉलेज में बीएड की टीचर हैं।

ये भी पढ़ें :-67 साल की महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लोगो में बना चर्चा का विषय 

आपको बता दें तिर्की के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर थे। उनके पास थोड़ी-बहुत जमीन थी, जिस पर बमुश्किल से वे परिवार के खाने भर अनाज उगाया करते थे। अपने पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर हैं सरिता। बचपन से ही दूसरे बच्चों को स्कूल जाते देख उन्हें भी पढ़ने-लिखने की ख्वाहिश होती थी। इसी वजह से जब वह पांच वर्ष की थीं, तब माता-पिता ने एक स्थानीय मिशनरी स्कूल में उनका एडमिशन करवा दिया।

ये भी पढ़ें :-अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली पहली महिला की यादों में खोए उसके पिता 

जानकारी के मुताबिक सरिता कहती हैं कि रोज कॉलेज जाना जरूरी था। बुखार हो या घर में कोई भी बड़ा काम, सभी कुछ छोड़कर कॉलेज जाती थी। दरअसल, सरिता के पास किताबें नहीं थीं कि वह छुट्टी होने पर भी घर में पढ़ सके। क्लास-नोट्स पाने की ललक से रोज कॉलेज जाना सरिता के लिए जरूरी था। उन्हीं नोट्स को पढ़कर सरिता ने भूगोल से ना केवल फर्स्ट डिवीजन में ग्रेजुएशन पास किया, बल्कि कॉलेज टॉपर भी रहीं।

Related Post

RAHUL GANDHI COMMENTED ON RSS

राहुल गांधी का तंज- आंकड़े छिपाकर कोरोना महामारी के सच को भी मोदी सरकार ने नियंत्रित कर ही लिया…

Posted by - April 26, 2021 0
नई दिल्ली। देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लोग संक्रमण के चलते बेहाल और लाचार नजर…
ss sandhu

निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत प्रोजेक्ट्स को पूरा करें : मुख्य सचिव

Posted by - July 21, 2022 0
देहरादून। मुख्य सचिव (SS Sandhu) ने एनएचएआई (NHI) के अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत प्रोजेक्ट्स को पूर्ण करने…