बिहार के राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार के नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्लान को लेकर सवाल उठाए हैं। प्लान के तहत रोड, रेलवे, एयरपोर्ट से लेकर पावर ट्रांसमिशन लाइन्स और गैस पाइपलाइंस से भारत सरकार अगले चार साल में छह लाख करोड़ जुटाने वाली है। केंद्र की इस योजना पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी याादव ने कहा- केंद्र सरकार खरबों की राष्ट्रीय सम्पत्ति निजी कंपनियों को क्यों बेच रही है?उन्होंने कहा- अगर केंद्र सरकार राष्ट्र की संपत्ति में इजाफा नहीं कर सकती तो औनेपौने दामों पर बेचकर राष्ट्र का नुकसान क्यों रही है?
केंद्र सरकार की निजीकरण द्वारा सरकारी नौकरियों को समाप्त करने तथा सरकारी नौकरियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में वंचित वर्गों के आरक्षण को ख़त्म करने की एक दीर्घकालिक भयावह योजना है।#IndiaOnSale
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 26, 2021
उन्होंने पूछा- केंद्र सरकार बताए उसे राष्ट्र की परिसम्पत्तियाँ बेचने की क्या मजबूरी है? क्या यह एनडीए सरकार की नाकामी और अदूरदर्शिता नहीं है? केंद्रीय सरकार की निजीकरण द्वारा सरकारी नौकरियों को समाप्त करने तथा सरकारी नौकरियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में वंचित वर्गों के आरक्षण को ख़त्म करने की एक दीर्घकालिक भयावह योजना है और RJD अपने लोकतांत्रिक समाजवादी भारत को चंद पूंजीपतियों के हाथों में बेचने और गिरवी रखने के इस प्रयास के खिलाफ अंत तक लड़ेगी।
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We will fight against this blatant attempt of turning our democratic India to a East India Company conglomerate. NDA Government should explain as to how selling of assets to select corporates & capitalists will help its people & the economy. #IndiaOnSale
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 26, 2021
आरजेडी नेता ने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार को यह बताना चाहिए कि कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को राष्ट्रीय संपत्ति बेचने से देशवासियों और अर्थव्यवस्था को कैसे मदद मिलेगी?केंद्र सरकार बताए उसे राष्ट्र की परिसम्पत्तियाँ बेचने की क्या मजबूरी है? क्या यह एनडीए सरकार की नाकामी और अदूरदर्शिता नहीं है?