पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा मामले में गुरुवार को सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नौ मामले दर्ज किए हैं। सूत्रों के अनुसार सीबीआई की सभी चार इकाइयां कोलकाता से अपने दलों को संबंधित अपराध स्थलों पर भेज रही हैं।कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने विधानसभा चुनावों के बाद कथित दुष्कर्म और हत्या मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी है।बता दें कि इससे पहले 19 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीएम ममता को झटका देते हुए चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि सीबीआई अदालत की निगरानी में ही जांच करेगी।स्वतंत्र जांच की मांग कर रही जनहित याचिकाओं पर सर्वसम्मति से फैसला देते हुए उच्च न्यायालय की पीठ ने सभी अन्य मामलों की जांच के लिए राज्य पुलिस अधिकारियों के एक विशेष कार्य बल (एसआईटी) का भी गठन करने का आदेश दिया। एसआईटी में पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार शामिल होंगे। पीठ सीबीआई और एसआईटी दोनों की जांच की निगरानी करेगी और उसने दोनों एजेंसियों को छह हफ्तों के भीतर स्थिति रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
चुनाव से पहले नाराज किसानों को मनाने की जुगत में लगी योगी सरकार, वापस लेगी मुकदमे
पीठ ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि शिकायतकर्ताओं को मामले वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है और हत्या के कई मामलों को बिना प्राथमिकी दर्ज किए और जांच किए बिना स्वाभाविक मौत के मामले बताया जा रहा है।उच्च न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने शिकायतों पर कार्रवाई न करने के आरोपों पर उचित जवाब नहीं दिया और उन्हें तवज्जो न देने की कोशिश की। उसने कहा, ‘‘इसमें निश्चित तौर पर एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की आवश्यकता है।’’