राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, कहा- सावरकर महानायक थे, हैं और रहेंगे

389 0

नई दिल्ली। उदय माहुरकर और चिरायु पंडित की लिखी किताब ‘वीर सावरकर- द मैन हू कैन्ड प्रिवेंटेड पार्टिशन’ के विमोचन के मौके पर रक्षा मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सावरकर महानायक थे, हैं और रहेंगे।राजनाथ सिंह ने कहा कि विचारधारा के चश्मे से देखकर वीर सावरकर के योगदान की उपेक्षा करना और उन्हें अपमानित करना माफी के काबिल और न्यायसंगत नहीं है। वे हिंदुत्व को मानते थे, लेकिन वह हिंदूवादी नहीं थे, राष्ट्रवादी थे। उनके लिए देश राजनीतिक इकाई नहीं, सांस्कृतिक इकाई था। 20वीं सदी के सबसे बड़े सैनिक व कूटनीतिज्ञ थे सावरकर।

राजनाथ सिंह ने दावा किया कि सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेजों को दया याचिका दी थी। राजनाथ सिंह ने कहा कि सावरकर के बारे में एक झूठ फैलाया जाता है कि 1910 में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सावरकर ने ब्रिटिश हुकूमत के सामने दया याचिका दी थी। जबकि, सच यह है कि उन्होंने महात्मा गांधी के कहने पर ऐसा किया था। यह एक कैदी का अधिकार था।

वीर सावरकर महानायक थे- राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने आगे कहा,  वीर सावरकर महानायक थे, हैं और भविष्य में भी रहेंगे। देश को आजाद कराने की उनकी इच्छा शक्ति कितनी मजबूत थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंग्रेजों ने उन्हें दो बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई, कुछ विशेष विचारधारा से प्रभावित लोग ऐसे राष्ट्रवादी पर सवालिया निशान लगाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन पर (सावरकर) नाजीवादी, फासीवादी होने का आरोप लगाते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसा आरोप लगाने वाले लोग लेनिनवादी, मार्क्सवादी विचारधारा से प्रभावित थे और अभी भी हैं।

‘यथार्थवादी’ और ‘राष्ट्रवादी’ थे सावरकर

राजनाथ सिंह ने कहा कि सीधे शब्दों में कहें तो सावरकर ‘यथार्थवादी’ और ‘राष्ट्रवादी’ थे जो बोल्शेविक क्रांति के साथ स्वस्थ लोकतंत्र की बात करते थे। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व को लेकर सावरकर की एक सोच थी जो भारत की भौगोलिक स्थिति और संस्कृति से जुड़ी थी। उनके लिये हिन्दू शब्द किसी धर्म, पंथ या मजहब से जुड़ा नहीं था बल्कि भारत की भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा था।

सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई

पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से ही विनायक दामोदर सावरकर को बदनाम करने की मुहिम चलाई गई। आज के समय में वास्तव में वीर सावरकर के बारे में सही जानकारी का अभाव है। दरअसल, निशाना कोई व्यक्ति नहीं था बल्कि राष्ट्रवाद था।

Related Post

Nagar Nigam Gorakhpur

अनुशासनहीनता के चलते नगर निगम गोरखपुर के अधिशासी अभियन्ता निलंबित

Posted by - December 14, 2022 0
लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा नगर निगम गोरखपुर (Nagar Nigam Gorakhpur ) के अधिशासी अभियन्ता (सिविल) अतुल पाण्डेय को अपने पदीय…
JAMMU KASHMIR ARMY

जम्मू-कश्मीर : शोपियां मुठभेड़ में लश्कर के 4 आतंकी ढेर, एक जवान घायल

Posted by - March 22, 2021 0
श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर के शोपियां  (Shopian Encounter) में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विजय…