पेगासस जासूसी कांड़ को लेकर संसद के अंदर और बाहर बवाल मचा हुआ है, लगातार संसद की कार्यवाही स्थगित हो जाती है। विपक्ष जहां इस मामले पर जांच की मांग कर रहा है वहां सरकार इसे बेवजह का मुद्दा बता कर, विपक्ष और सरकार आमने सामने हैं। इस मामले पर अब केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि गैर-मुद्दे को बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है। क्या दुनिया भर में हजारों लोगों की जासूसी की जा सकती है? प्रह्लाद जोशी ने कहा- राहुल गांधी क्या कहते हैं, समझ में नहीं आता। यही उसकी मूल समस्या है। वह सबसे अपरिपक्व बोलते हैं।
इससे पहले चिदंबरम ने इस मामले में कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने मौजूदा आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को सलाह भी दे दी है। पूर्व गृह मंत्री ने लिखा, क्या मंत्री अपने फोन (प्रासंगिक अवधि के दौरान प्रयुक्त) को, यह पता लगाने के लिए कि वह हैक किया गया है या नहीं, फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेंगे। अश्विनी वैष्णव ने कहा था, ऐसी सेवाएं किसी के लिए, कहीं भी और कभी भी खुले तौर पर उपलब्ध हैं। आमतौर पर पेगासस सॉफ्टवेयर जैसी सेवाएं सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ दुनियाभर में निजी कंपनियों द्वारा उपयोग की जाती हैं।
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यहां चिदंबरम ने लिखा, मुझे डर है, कहीं वे ग्रीक पौराणिक कथाओं से प्रेरित तो नहीं हैं। एनएसओ समूह ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह अपनी तकनीक को पूरी तरह से कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों और सरकारों की खुफिया एजेंसियों को बेचता है। एनएसओ ग्रुप का यह बयान सार्वजनिक है। इस समूह ने खुले तौर पर उपलब्ध सेवाओं का संदर्भ एचएलआर लुकअप सेवाओं के लिए करने की बात कही थी, न कि पेगासस के लिए। अगर पेगासस केवल जांच-परख वाली सरकारों को बेचा जाता है, तो यहां पर एक आसान सा सवाल उठता है कि क्या उनमें भारत सरकार ऐसी ही एक सत्यापित सरकार थी।
                        
                
                                
                    
                    
                    
                    
                    
