जम्मू में पंचायतों ने विदेशी दूतों के सदस्यों से मुलाकात की

357 0

केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के दौरे पर आये कई देशों के दूतों ने यहां बृहस्पतिवार को पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के सदस्यों सहित कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। उन्होंने हाल ही में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनावों के दौरान की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त की। अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किये जाने के बाद केंद्रशासित प्रदेश का यह पहला चुनाव था।
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी और वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधियों ने चुनाव से जुड़े अपने अनुभव विदेशी दूतों के साथ साझा किये। गौरतलब है कि ये दोनों समुदाय पिछले सात दशक से मताधिकार से वंचित थे और उन्होंने डीडीसी चुनावों में पहली बार वोट डाला। जम्मू कश्मीर के दौरे पर आए विदेशी दूतों (राजनयिकों) में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के भी राजनयिक शामिल हैं। वे अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे चरण में बृहस्पतिवार को जम्मू पहुंचे। बुधवार को उन्होंने कश्मीर का दौरा किया था। जम्मू नगर निगम के मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा,   हमने उनहें त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था और संविधान के 74 वें संशोधन की जानकारी दी। अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द किये जाने के कारण ही 28 साल बाद 74 वें संशोधन, 1993 का जम्मू कश्मीर में क्रियान्वयन संभव हो सका।

कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा में ट्रेन की पटरियों पर बैठे किसान

बैठक में एक प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कर रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता गुप्ता ने कहा,   पूर्ववर्ती राज्य की पिछली सरकारें सिर्फ संसद और विधानसभा चुनावों में ही रूचि लिया करती थीं।
पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी समुदाय के प्रतिनिधि सुखदेव सिंह मनहास ने कहा,   मैंने उन्हें बताया कि हम पिछले 73 साल से संविधान के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 के चलते वोट देने से वंचित थे। पांच अगस्त 2019 के बाद के घटनाक्रम ने हमें अधिकार प्रदान किये और अब हम वोट दे सकते हैं, चुनाव लड़ सकते हैं और सरकारी नौकरी पा सकते हैं तथा जमीन खरीद सकते हैं।
वाल्मीकि समुदाय के प्रतिनिधि आकाश कुमार और वनिष्का ने मनहास की बातों से सहमति जताते हुए कहा कि उन्होंने विदेशी दूतों को बताया कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने से पहला फायदा यह हुआ कि डीडीसी चुनाव में पहली बार उनका समुदाय भाग ले सका।

राजौरी से डीडीसी सदस्य मोहम्मद इकबाल मलिक ने कहा,   अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किये जाने के बाद क्षेत्र के वंचित तबकों के लोगों को समान राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकार प्राप्त हुए।
जम्मू कश्मीर के दौरे पर आए राजनयिक यूरोपीय संघ, फ्रांस, मलेशिया, ब्राजील, इटली, फिनलैंड, बांग्लादेश, क्यूबा, चिली, पुर्तगाल, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, सेनेगल, ताजिकिस्तान, किर्गिजिस्तान, आयरलैंड, घाना, एस्टोनिया, बोलीविया, मलावी, इरीटÑिया और आइवरी कोस्ट से हैं।
केंद्र सरकार द्वारा पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों–जम्मू कश्मीर और लद्दाख– में विभाजित कर दिये जाने के बाद से पिछले 18 महीनों में विदेशी राजनयिकों की यह तीसरी यात्रा है।

Related Post

दिल बेचारा

सुशांत की फिल्म ‘दिल बेचारा’ के लिए उत्साहित हैं कार्तिक, बोले -चलो सब साथ में देखते हैं

Posted by - July 24, 2020 0
  मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता कार्तिक आर्यन दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की अंतिम फिल्म ‘दिल बेचारा’ देखने के लिये उत्साहित…
बीजेपी

बीजेपी ने 24 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे, झांसी से अनुराग शर्मा का नाम

Posted by - April 6, 2019 0
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए शनिवार को अपने 24 उम्मीदवारों को मैदान में…
Pushkar

मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी के जखोल में किया बिशु मेले का उद्धघाटन

Posted by - April 15, 2022 0
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने शुक्रवार को उत्तरकाशी (Uttarkashi) के जखोल स्थित सोमेश्वर मंदिर…

मनी लांड्रिंग केस: ईडी ने सपा सांसद आजम खां से जेल में की पूछताछ

Posted by - September 27, 2021 0
सीतापुर। मनी लांड्रिंग के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी नेता आजम खां से प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सीतापुर जेल…