ओबीसी विधेयक के मंजूरी मिलने के साथ राज्यो को मिली सूची बनाने की शक्ति

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राज्यसभा में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक 2021 बुधवार को पारित हो गया। यह विधेयक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी ओबीसी सूची बनाने की शक्ति बहाल करने के लिए है। मंगलवार को लोकसभा ने इसे पारित कर दिया था। राज्यसभा में भी इसके आसानी से पारित हो जाने के आसार थे, क्योंकि सभी विपक्षी दल इस विधेयक पर एक साथ हैं।

उल्लेखनीय है कि इस विधेयक के माध्यम से महाराष्ट्र में मराठा समुदाय से लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय को ओबीसी (अति पिछड़ा वर्ग) में शामिल करने और उन्हें आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद केंद्र सरकार पर आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा खत्म करने के लिए दबाव बढ़ेगा।सरकार ने बीते सप्ताह मेडिकल शिक्षा में ओबीसी वर्ग के लिए

केंद्रीय कोटे से आरक्षण की व्यवस्था की थी। अब सरकार इस वर्ग को फायदा देने के लिए नया विधेयक लाई है। इसका नाम है 127वां संविधान संशोधन विधेयक। इसके तहत राज्यों को ओबीसी की सूची बनाने की शक्ति देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी में संशोधन होना है।

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कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण विधेयक का समर्थन किया था। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि हम विधेयक का समर्थन करते हैं। हम मांग करते हैं कि 50 फीसदी की सीमा को हटाने पर भी विचार किया जाए। कांग्रेस का कहना है कि यह सीमा हटने के बाद ही मराठा समुदाय और अन्य राज्यों में लोगों को इसका फायदा मिल पाएगा।

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