निरुपमा संजीव

महिला टेनिस की पहली पोस्टर गर्ल निरुपमा संजीव जिसने रचा था इतिहास

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नई दिल्ली। भारतीय टेनिस में जिस महिला खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा नाम कमाया है। उस सूची में बेशक सानिया मिर्जा का नाम दर्ज है। हालांकि उन्हें प्रेरित करने वाली और भारतीय टेनिस की पहली पोस्टल गर्ल हैं निरुपमा वैघनाथ हैं, जो बाद में निरुपमा संजीव के नाम से जानी गईं।

निरुपमा संजीव का जन्म तमिलनाडु के कोयंबटूर में 8 दिसंबर 1976 को हुआ

निरुपमा का जन्म तमिलनाडु के कोयंबटूर में 8 दिसंबर 1976 को हुआ था। निरुपमा बचपन से ही कुछ ऐसा करना चाहती थीं जो सबसे अगल हो। उनके पिता रणजी टीम के कोच थे और उन्होंने ही निरुपमा को शुरुआती ट्रेनिंग दी थी। हालांकि फिर वह स्कॉलरशिप हासिल करके ट्रेनिंग करने विदेश चली गईं थी।

निरुपमा संजीव  ग्रैंडस्लैम में पहला राउंड जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं

निरुपमा संजीव ने साल 1998 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले राउंड में इटली की ग्लोरिया पिजीचीनी को मात देकर इतिहास रच दिया था। वह ग्रैंडस्लैम में पहला राउंड जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थीं।निरुपमा ने 21 शताब्दी के पहले दशक के आखिर में संन्यास लिया था, लेकिन उन्होंने साल 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया था। वहीं उन्होंने इसी साल एशियन गेम्स में भी हिस्सा लिया।

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निरुपमा संजीव डब्ल्यूटीए रैकिंग में टॉप 200 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी बनीं

निरुपमा चौदह वर्ष की उम्र में ही राष्ट्रीय चैंपियन बन गई थीं। वहीं वह डब्ल्यूटीए रैकिंग में टॉप 200 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी भी बनीं। उन्होंने 1998 के एशियन गेम्स में महेश भूपति के साथ मिक्सड डबल्स में गोल्ड मेडल जीता था।निरुपमा संजीव ने 2013 में आत्मकथा ‘मूनबॉलर’ लिखी जिसका विमोचन धाविका अश्विनी नाचप्पा ने किया। इसमें निरुपमा की कड़ी मेहनत, मुश्किल के दिनों और खेल में सर्वश्रेष्ठ करने की कहानी है।

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