राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मना

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लखनऊ। सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान ने शुक्रवार को अपने लखनऊ परिसर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया। महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने इसी दिन रमन प्रभाव की खोज की थी, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सर सीवी रमन के जन्मदिवस को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष के विज्ञान दिवस का थीम था, “वीमेन इन साइंस”।

व्याख्यान का विषय था “डिस्कवरी ऑफ़ नेक्स्ट जनरेशन इंसेक्टिसाइडल प्रोटीन्स फ्रॉम अनकॉमन सोर्सेज़ एंड देयर ऐप्लिकेशन इन क्रॉप्स”

इस अवसर पर सीएसआईआर-एनबीआरआई लखनऊ के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रद्युमन कुमार सिंह मुख्य अतिथि थे। उनके व्याख्यान का विषय था “डिस्कवरी ऑफ़ नेक्स्ट जनरेशन इंसेक्टिसाइडल प्रोटीन्स फ्रॉम अनकॉमन सोर्सेज़ एंड देयर ऐप्लिकेशन इन क्रॉप्स”। डॉ. नवीन चंद्र बिष्ट, वरिष्ठ वैज्ञानिक, एनआईपीजीआर, नई दिल्ली इस दिन के गेस्ट ऑफ ऑनर थे, जिन्होंने “मॉलिक्यूलर बेसिस ऑफ़ द एवोल्यूशन ऑफ़ मिथाइल-थिओ-अल्काइल-मलेट-सिंथेस एंड द डाइवर्सिटी ऑफ़ मेथिओनिन डिरायव्ड ग्लूकोसाइनोलेट्स इन ब्रैसिका क्रॉप्स” पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया।

सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने इस अवसर पर आए अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में, उन्होंने वक्ताओं द्वारा किए गए प्रेरक कार्यों और निकट भविष्य में उद्योग और किसानों के लिए उनसे होने वाले दूरगामी लाभ के बारे में बताया।

डॉ. नवीन चंद्र बिष्ट ने ग्लूकोसाइनोलेट्स पर विशेष जोर देते हुए सेकेंडरी मेटाबॉलिज़्म एवोल्यूशन के बारे में बात की

इस अवसर पर डॉ. नवीन चंद्र बिष्ट ने ग्लूकोसाइनोलेट्स पर विशेष जोर देते हुए सेकेंडरी मेटाबॉलिज़्म एवोल्यूशन के बारे में बात की। अपने व्याख्यान के माध्यम से, उन्होंने दर्शकों को मिथाइल-थिओ-अल्काइल-मलेट-सिंथेस के एवोल्यूशन के आणविक आधार अथवा ब्रैसिका (सरसों) परिवार में मेथिओनिन डिरायव्ड ग्लूकोसाइनोलेट्स की विविधता के बारे में भी अवगत कराया गया।

फसलों को कीड़ों से पहुंचने वाले अत्यधिक नुकसान से बचाने के लिए कीटनाशक प्रोटीन के एकीकरण पर विशेष जोर दिया

डॉ. पी के सिंह ने संबोधित करते हुए फसल उत्पादन में सुधार की आवश्यकता पर बात की। उन्होंने फसलों को कीड़ों से पहुंचने वाले अत्यधिक नुकसान से बचाने के लिए कीटनाशक प्रोटीन के एकीकरण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने विशेष रूप से कपास और उसके पौधों पर हमला करने वाले विभिन्न कीड़ों पर बात की, खास तौर पर व्हाइटफ़्लाय, जिनके संक्रमण के कारण कपास की फसल को भारी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रकृति की ओर देखना चाहिए क्योंकि प्रकृति के पास ऐसे अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर मौजूद हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों के दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व और उसके अनुप्रयोग के बारे में जागरूकता फैलाना है

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों के दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व और उसके अनुप्रयोग के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस अवसर पर, संस्थान ने आम जनता तथा स्कूली बच्चों के लिए ‘ओपेन डे’ रखा ताकि वैज्ञानिक तकनीक व उपकरणों का एक्सपोज़र प्रदान करके उनके बीच उत्सुकता एवं वैज्ञानिक प्रवृत्ति उत्पन्न की जा सके। लखनऊ के नौ विभिन्न स्कूलों के लगभग 500 छात्रों और शिक्षकों ने परिसर का दौरा किया और संस्थान की विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। छात्रों ने उत्साह के साथ प्रयोगशालाओं का दौरा किया और पी.एच.डी. शोध छात्रों एवं वैज्ञानिकों से अपने प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए। संस्थान द्वारा किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए विकसित की गयी कृषि प्रौद्योगिकियों का भी प्रदर्शन किया गया।

संस्थान के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. ए.एस. नेगी, जो आयोजन समिति के अध्यक्ष भी थे, द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समारोह का समापन हुआ। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ आभा मीना और डॉ. आकांक्षा सिंह ने किया।

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