मिसाइल वुमन डॉ. टेसी थॉमस

मिसाइल वुमन डॉ. टेसी थॉमस बोलीं- दुश्मन को पानी के रास्ते भी दी जा सकेगी मात

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नई दिल्ली। मिसाइल वुमन के नाम से प्रसिद्ध भारत की पहली महिला प्रक्षेपास्त्र वैज्ञानिक डॉ. टेसी थॉमस अग्नि-5 मिसाइल का नेवी एडिशन बनाने में जुटीं हैं। इस से मिसाइल के बन जाने के बाद दुश्मन को पानी के रास्ते भी मात दी जा सकेगी। बता दें कि 1988 में अग्नि प्रक्षेपास्त्र कार्यक्रम से जुड़ने के बाद से ही उन्हें अग्निपुत्री के नाम से भी जाना जाता है। उनकी अनेक उपलब्धियों में अग्नि-2, अग्नि-3, अग्नि-4 और अग्नि-5 प्रक्षेपास्त्र शामिल हैं। उनका मिसाइल सफर अभी रुका नहीं है।

इंजीनियरिंग ने अंतरिक्ष से लेकर घर के कामकाज तक, रक्षा क्षेत्र से लेकर परिवहन तक हर क्षेत्र में हमारी मदद की

आईआईटी मंडी में बीते गुरुवार को एसोसिएशन फॉर मशीन एंड मेकेनिज्म और इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर द प्रमोशन ऑफ मेकेनिज्म एंड मशीन साइंस के इंटरनेशनल सेमिनार में डॉ. टेसी ने खुद मिसाइल बनाने का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि जैसे किसान देश के लिए काम करता है। वैसे ही वैज्ञानिक भी काम करते हैं। डॉ. टेसी ने कहा कि उनका योगदान हमारे जितना ही होता है। हमारे चारों ओर मशीनें और मेकेनिज्म हैं। इंजीनियरिंग ने अंतरिक्ष से लेकर घर के कामकाज तक, रक्षा क्षेत्र से लेकर परिवहन तक हर क्षेत्र में हमारी मदद की है।

भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान ने भी देश की तरक्की में बड़ा योगदान

मेकेनिज्म के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में स्वदेशी विकास हुआ है। शोधकर्ता जनजीवन आसान बनाने में प्रयासरत हैं। भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान ने भी देश की तरक्की में बड़ा योगदान दिया है। यह सम्मेलन सात दिसंबर तक चलेगा। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्णकालिक निदेशक (रक्षा) जयंत पाटील, बोर्ड के सदस्य लार्सन एंड टुब्रो लि. और डा. पीवी कृष्णन, निदेशक, क्षमता विकास कार्यक्रम कार्यालय भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (इसरो) उपस्थित रहे।

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