Kartik Purnima

रोहिणी नक्षत्र में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर करें ये 3 उपाय, बरसेगी लक्ष्मी की कृपा

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लखनऊ। कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) स्नान पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। सोमवार को सुबह पूर्णिमा तिथि को रोहणी नक्षत्र होने से इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। पू्र्णिमा तिथि तो रविवार को दोपहर 12:30 के बाद शुरू हो गई है, लेकिन उदया तिथि सोमवार को होने के करण ग्रहस्थ लोग सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) मनाएंगे। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली, तुलसी प्राकट्योत्सव और गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व भी मनाया जाएगा। इस प्रकार गुरुनानक देव जी का 151 प्रकाशोत्सव होगा।

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) 2020 तिथि

29 नवंबर: पूर्णिमा तिथि आरंभ-दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर
30 नवंबर: पूर्णिमा तिथि समाप्‍त – दोपहर 02 बजकर 59 मिनट पर

देव दीपावली का पर्व भगवान विष्णु से जुड़ा है। मान्यता है कि इस दिन बनारस के घाटों पर देवता देव दीपावली मनाने आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली को लेकर पुराणों में कई कथाओं का वर्णन मिलता है।

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लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए कार्तिक पूर्णिमा  पर करें ये 3 उपाय

तुलसी की पूजा करें। तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। कार्तिक पू्र्णिमा को ही तुलसी पृथ्वी पर वनस्पति के रूप में आई। इसलिए आज के दिन उनकी पूजा का विधान है। मान्यता है कि ऐसे करने वालों पर माता लक्ष्मी कृपा बरसाती हैं।

गंगा/नदी में स्नान कर पूजापाठ और दान करने के बाद मंदिरों में घी का दिया जलाएं। ऐसा करने से देवता प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद देते हैं।

घर अपने अपने पितरों के नाम पर दीपक रखें। परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए पितरों को खुश करना बेहद जरूरी माना जाता है। देव दीपावली को पितर देवताओं को दीप दान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।

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