यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ी हुई है, इसी बीच प्रवर्तन निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। एनकाउंंटर स्पेशलिस्ट राजेश्वर सिंह कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कोयला घोटाला, 2जी स्पैक्ट्रम, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला मामले की जांच की थी। उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस सौदे की भी जांच की थी जिसमें 750 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी, इसमें कीर्ति चिदंबरम को आरोपी बनाया गया था।
राजेश्वर की बहन आभा सिंह ने बताया कि उनके भाई ने वॉलेंटियरी रिटायरमेंट ले लिया है, अब वह देश सेवा करेंगे, देश को उनकी जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक वह प्रयागराज शहर उत्तरी की सीट से भाजपा के टिकट पर दावेदारी कर सकते हैं हालांकि इस सीट पर हर्षवर्धन का टिकट काटना आसान काम नहीं होगा।
दरअसल यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि राजेश्वर सिंह राजनीति में दांव आजमा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक उनके बीजेपी में जाने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि वह इलाहाबाद उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। सुलतानपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले राजेश्वर सिंह 1994 बैच के पीपीएस (प्रांतीय पुलिस सेवा) अधिकारी हैं। 2009 में वह डेप्युटेशन पर ईडी में भेजे गए थे।
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2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें ईडी में समायोजित कर लिया गया था।लंबी छुट्टी के बाद अभी राजेश्वर सिंह ईडी के लखनऊ ऑफिस में तैनात हैं। उनकी पत्नी लक्ष्मी सिंह की गिनती भी तेज आईपीएस अधिकारियों में होती है। अभी वह लखनऊ रेंज की आईजी हैं। 2018 में राजेश्वर सिंह के खिलाफ सरकार ने एक जांच भी शुरू की थी। हालांकि इस जांच में कुछ भी निकलकर नहीं आया।