नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को 3.25 बजे अंतरिक्ष में फिर एक नया इतिहास रच दिया है। इसरो ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से PSLV-C48 द्वारा RISAT-2BR1 और 9 ग्राहक उपग्रह लॉन्च किया है। RISAT-2BR1 एक रडार इमेजिंग पृथ्वी अवलोकन उपग्रह है जिसका वजन लगभग 628 किलोग्राम है।
#WATCH ISRO launches RISAT-2BR1 and 9 customer satellites by PSLV-C48 from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota; RISAT-2BR1 is a radar imaging earth observation satellite weighing about 628 kg. pic.twitter.com/mPF2cN9Tom
— ANI (@ANI) December 11, 2019
इसरो ने पीएसएलवी सी-48 रॉकेट को लांच कर दिया है। यह सेटेलाइट श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लांचिंग पैड से लॉन्च किया गया। अपनी इस उड़ान के साथ यह रॉकेट अंतरिक्ष अभियानों का अपना ‘अर्द्धशतक’ पूरा कर लिया है। साथ ही यह श्रीहरिकोटा से छोड़ा जाने वाला भी 75वां मिशन है।
इसरो पीएसएलवी के जरिये एक साथ 10 सैटेलाइट को आसमान में रवाना करने जा रहा है। इनमें देश की दूसरी खुफिया आंख कही जा रही रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट आरआईसैट-2बीआर1 भी शामिल है। इसरो के मुताबिक, इस सैटेलाइट को अंतरिक्ष में 576 किलोमीटर की ऊंचाई वाली कक्षा में 37 डिग्री झुकाव पर स्थापित किया जाएगा। इस सैटेलाइट के अंतरिक्ष में स्थापित होने के साथ देश की सीमाओं पर घुसपैठ की कोशिश लगभग नामुमकिन हो जाएंगी।
सेंसर देंगे सीमापार आतंकियों के जमावड़े की भी सूचना
इसमें लगे खास सेंसरों के चलते सीमापार आतंकियों के जमावड़े की भी सूचना पहले ही मिल जाएगी। साथ ही सीमापार की गतिविधियों का विश्लेषण भी आसान हो जाएगा। 22 मई को लांच की गई आरआईसैट-2बी पहले से ही देश की खुफिया आंख के तौर पर निगरानी का काम कर रही है। इसके अलावा पीएसएलवी के साथ जाने वाली 9 अन्य सैटेलाइट विदेशी हैं, जिनमें अमेरिका की 6, इस्राइल की 1, इटली की 1 और जापान की 1 सैटेलाइट है।
ये सभी इंटरनेशनल कस्टमर सैटेलाइट एक नए कमर्शियल सिस्टम न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के तहत लांच किया जा रहा है। इन सभी सैटेलाइट को पीएसएलवी के उड़ान भरने के 21 मिनट के अंदर बल्बनुमा पेलोड फायरिंग तकनीक के जरिये एक के बाद एक अंतरिक्ष में स्थापित किया जाएगा।