आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो अंतरराष्ट्रीय समुदाय- विदेश मंत्री एस. जयशंकर

334 0

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद पर कड़े शब्दों में संदेश दिया है। जयशंकर ने कहा  कि उग्रवाद, कट्टरता और हिंसा जैसे तत्वों को बढ़ावा देने वाले देशों को खुद भी इनके खतरों को झेलना पड़ता है। जयशंकर ने कजाकिस्तान में कॉन्फ्रेंस ऑन इंटरेक्शन एंड कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेज़र्स इन एशिया (CICA) सम्मेलन में ये बातें कहीं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बेल्ड एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सभी कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स के केंद्र में सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। बता दें कि इससे पहले भी भारत ने बीआरआई के अंतर्गत आने वाले चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) पर भी विरोध जताया था क्योंकि इस प्रोजेक्ट का एक प्रमुख हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है।

जयशंकर ने आतंकवाद को शांति और विकास का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। बैठक में उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘अगर शांति और विकास हमारा साझा लक्ष्य है तो आतंकवाद रूपी सबसे बड़े दुश्मन से हमें पार पाना होगा। आज और इस युग में हम एक देश द्वारा दूसरे देश के खिलाफ इसका इस्तेमाल किए जाने को सहन नहीं कर सकते। सीमा पार से संचालित होने वाला आतंकवाद कोई सरकार की चालबाजी नहीं है, बल्कि दहशतगर्दी का ही एक अन्य स्वरूप है। विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद रूपी बुराई को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसी तरह से एकजुट होना पड़ेगा जैसा कि वह कोरोना महामारी के खिलाफ हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि कट्टरता, उग्रवाद, हिंसा और धर्मांधता जैसे तत्वों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करना एक बहुत ही छोटी सोच का नतीजा है क्योंकि ये पलटकर उन्हीं देशों को परेशान जरूर करती हैं जो इन्हें बढ़ावा देते हैं। इस क्षेत्र में स्थिरता की कोई भी कमी कोविड-19 को नियंत्रण में लाने के सामूहिक प्रयासों को कमजोर कर देगी। यही कारण है कि अफगानिस्तान की स्थिति इसलिए भी हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय होनी चाहिए।

कनेक्टिविटी की कमी से जूझ रहा एशिया

अपने भाषण के दौरान, जयशंकर ने ये भी कहा कि एशिया ‘कनेक्टिविटी की कमी’ से जूझ रहा है जो आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ये जरूरी है कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सबसे बुनियादी सिद्धांतों का पालन किया जाए। इनमें सबसे जरूरी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान है। ये भी महत्वपूर्ण है कि कनेक्टिविटी को कोई देश अपने एजेंडा के तौर पर इस्तेमाल ना करे। बता दें कि भारत ने चीन के प्रोजेक्ट बीआरआई में शामिल होने से मना कर दिया था। भारत का कहना था कि चीन इस प्रोजेक्ट के सहारे विकासशील देशों के लिए कर्ज जाल जैसी स्थिति का निर्माण करता है।

अफगानिस्तान के हालात पर जाहिर की चिंता

विदेश मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अस्थिरता कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के सामूहिक प्रयासों को कमजोर करेगी। इसलिए अफगानिस्तान के मौजूदा हालात गंभीर चिंता का कारण हैं। इस हफ्ते के शुरू में जयशंकर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के हालात पर नजर रख रहा है। उन्होंने तालिबान शासन से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों को पूरा करने के महत्व को भी रेखांकित किया था।

सीआईसीए क्या है

बता दें कि सीआईसीए एक मल्टीनेशनल फोरम है जो एशिया में सुरक्षा और स्थिरता को प्रमोट करने के लिए साल 1999 में कजाकिस्तान के नेतृत्व में स्थापित किया गया था।

जयशंकर ने रूस-कजाखस्तान के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात

जयशंकर ने रूस और कजाखस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ उनकी द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति पर चर्चा हुई और दोनों ने अफगानिस्तान एवं ¨हद-प्रशांत क्षेत्र के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। जबकि, कजाखस्तान के विदेश मंत्री राशिद मेरेदोव के साथ द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा की।

Related Post

Kangana Ranaut

कंगना रनौत ने राजनीति में एंट्री की अटकलों पर लगाई ब्रेक, मुझे उम्मीद है कि न्याय मिलेगा

Posted by - September 13, 2020 0
मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की है। इस मुलाकात…
up panchayat election

UP राज्य निर्वाचन आयोग का निर्देश, मतगणना केन्द्र पर कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य

Posted by - April 30, 2021 0
लखनऊ। जानलेवा कोरोना महामारी के बीच आखिरकार उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav) के लिए चारों चरण की…