अधूरी रहती है नींद

अगर आपकी अधूरी रहती है नींद, तो हो सकती है ये बड़ी समस्या

988 0

नई दिल्ली। रात के दौरान अच्छी नींद हर किसी के स्वस्थ शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। अगर आप पूरी नींद नहीं ले पाते हैं। इसके अलावा गलत समय पर सोते हैं या फिर टुकड़ों में नींद पूरी करते हैं तो इससे आपको निंद्रा विकार की समस्या हो सकती है, जिससे नींद के समय में कमी हो सकती है। अगर आप सात से नौ घंटे की अच्छी नींद लेते हैं तो न केवल आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि ब्लड प्रेशर, हार्मोन भी ठीक रहता है।

नींद संबंधी विकार कई तरह के हालातों के प्रभाव के कारण होते हैं

फोर्टिस हॉस्पिटल की सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रीमा चौधरी बताती हैं कि नींद संबंधी विकार कई तरह के हालातों के प्रभाव के कारण होते हैं, जो नियमित रूप आने वाली अच्छी नींद को प्रभावित करते हैं। यह आजकल एक आम समस्या है, जो साधारण सिरदर्द और दिन भर के तनाव से जुड़ी रहती है। जब कोई मरीज सिरदर्द की समस्या से जूझता है तो वह भी एक सामान्य न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो 60-70 प्रतिशत तक नींद में खलल से संबंधित है। नींद संबंधी बीमारियों में से सबसे ज्यादा लोगों में पाई जाने वाली बीमारी है इंसोमेनिया।

सोनाली गुप्ता की नई किताब ‘हैपिट्यूड’ लॉन्च, ‘तान्हा जी’ फेम विपुल गुप्ता पहुंचे 

एक नजर डालते हैं ऐसी कई बीमारियों पर

स्लीप एपनोया

यह नींद से जुड़ा एक गंभीर विकार है, जिसमें खून में ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में परेशानी होती है। इसमें अचानक से सांस रुक जाती है और फिर एकाएक आने लगती है। इससे मस्तिष्क और शरीर के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन का प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे अच्छी नींद लेने में समस्या आती है। खर्राटे लेना, घरघराहट और उठने पर मुंह का सूखा होना इसके सामान्य लक्षण हैं।

रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम

इस विकार में मरीज अक्सर अपने पैरों को हिलाता रहता है। वे जब भी सोने जाते हैं तो उन्हें पैरों में जलन महसूस होती है जिससे उन्हें अच्छी नींद लेने में परेशानी होती है।

स्लिप पैरालिसिस

स्लीप पैरालिसिस एक विकार है जहां एक व्यक्ति जागने और सोते समय हिलने या बोलने में असमर्थ होता है। मरीजों को एक निश्चित दबाव और तत्काल भय का अनुभव होता है, कई बार इससे पीड़ित लोग सचेतन में होते हैं, लेकिन फिर भी वे हिलने-डुलने में असमर्थ होते हैं।

सर्कैडियन रिदम डिसऑर्डर

इस बीमारी में मरीजों का इंटरनल बायोलॉजिकल क्लॉक बाहरी समय के साथ समन्वय नहीं बिठा पाता है। इसमें सोने के समय को लेकर मरीज की दिमागी घड़ी कुछ घंटे पीछे चल रही होती है। जो लोग नाइट सिफ्ट करते हैं, उनके साथ ऐसा अक्सर होता है।

इंसोमेनिया

सामान्यत: इस तरह के अनिद्रा विकार में मरीजों को नींद आने और नियमित तौर पर पूरी नींद लेने में परेशानी होती है। ऐसे में पूरे दिन उनमें ऊर्जा की कमी नजर आती है।

अच्छी और पूरी नींद लेने के जानें कुछ सुझाव

  • बिस्तर पर जाने का एक समय निश्चित कर लें और उसे बनाए रखें।
  • शाम और रात के समय कॉफी के सेवन से बचें।
  • टीवी, कंप्यूटर या मोबाइल पर समय बिताना कम करें, खासकर सोने से पहले।
  • प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • रात को नींद आने में दिक्कत होती है तो दोपहर या बीच-बीच में नींद लेने से बचें।
  • बिस्तर पर जाने से पहले गर्म पानी से नहाएं। इससे आप रिलैक्स महसूस करेंगे और नींद भी अच्छी आएगी।

Related Post

रायबरेली दौरा

लोकसभा चुनाव 2019: 22 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे पर आएंगी रायबरेली सोनिया

Posted by - April 21, 2019 0
रायबरेली। कांग्रेस पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी 22 अप्रैल को दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली आ रही हैं।…

17 साल के करियर में अब तक सिर्फ 18 फिल्में करने वाले प्रभास की साहो शुक्रवार को होगी रिलीज

Posted by - August 28, 2019 0
बॉलीवुड डेस्क। 17 साल के करियर में अब तक सिर्फ 18 फिल्में करने वाले तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने…
ईवीएम

बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी पर बोला हमला

Posted by - April 12, 2019 0
लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर ईवीएम का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट…