IC3A 2020

IC3A 2020: भारतीय संस्कृति ने हमेशा विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने का कार्य किया

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लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर और डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के संयुक्त तत्वाधान में कॉन्टेम्परेरी कम्पुटिंग और अप्लिकेशन विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस (IC3A 2020) शुक्रवार को विधिवत सम्पन्न हुई।

विश्वविद्यालय ने शोध एवं नवाचारों को बढ़ावा देने के क्षेत्र में सकारात्मक कार्य किया

विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. विनीत कंसल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने शोध एवं नवाचारों को बढ़ावा देने के क्षेत्र में सकारात्मक कार्य किया है। इसी का परिणाम है कि आईसीथ्रीए जैसी कांफ्रेस आयोजित करने में विश्वविद्यालय सफल रहा है। उन्होंने उपस्थित डेलिगेट्स को बताया कि विवि की पूरी कार्यप्रणाली डिजिटलीकृत है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय शोध एवं नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए कई अनुदान योजनाएं भी संचालित कर रहा है। कांफ्रेस के समापन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में प्रो. रेडीम बर्गेट एवं प्रो कार्लोस एम ट्राविसो-गोंजालेज बतौर कांफ्रेस को-चेयर मंचासीन रहे।

भारतीय पौराणिक ग्रंथों में आज की आधुनिकतम तकनीक को हजारो वर्ष पहले ही प्रतिपादित कर दिया

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने हमेशा विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय पौराणिक ग्रंथों में आज की आधुनिकतम तकनीक को हजारो वर्ष पहले ही प्रतिपादित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि विवि में इन सिद्धांतों को साइन बोर्ड्स पर प्रदर्शित किया गया है और उनके अर्थ को अग्रेजी में वर्णित किया गया है। उन्होंने आईसीथ्रीए में विश्वविद्यालय के विभिन्न देशों से पधारे वैज्ञानिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कोलेबरेटिव रिसर्च को बढ़ावा देने में यह कांफ्रेस मील का पत्थर साबित होगी। समापन समरोह के अंत में कांफ्रेस के को-चेयर डॉ. अनुज शर्मा ने उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। समापन सत्र में कांफ्रेस में पधारे सभी विज्ञानिक, विवि के वित्त अधिकारी जीपी सिंह, समस्त डीन, शिक्षक एवं तीन सौ छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

वैज्ञानिक बोले शानदार रहा भारत में कांफ्रेंस का अनुभव

समापन सत्र में प्रो थेडा डेनियल-रेस ने कहा कि सम्मेलन का हिस्सा बनाना शानदार अनुभव रहा। एकेटीयू में रिसर्च के लिए बहुत संभावनाएं उन्हें नजर आई। प्रो. अन्ना सोफिया ने कहा कि उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि कांफ्रेस गुणवत्तापूर्ण रही साथ ही अतिथि सत्कार भी शानदार रहा। प्रो. कार्लोस ने कहा कि सम्मेलन का संगठन शानदार था और उत्कृष्ट सत्र आयोजित किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि सम्मेलन में प्रस्तुत शोध पत्र अच्छी गुणवत्ता के थे। प्रो. तारेक ग़ज़ावी ने कहा कि कांफ्रेस के प्रबंध से वह आश्चर्यचकित रहा गए। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की कांफ्रेस का नियमित आयोजन आवश्यक है।

वर्तमान के सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में 148600 ट्रिलियन कर सकता है गणनाएं 

अंतिम दिन कांफ्रेसं में शुक्रवार को चार मुख्य सत्र आयोजित किए गए। प्रत्येक मुख्य सत्र में 4 वार्ताएं आयोजित की गईं। इन वार्ताओं में दुनिया के विभिन्न हिस्सों जैसे यूएसए, ब्रातिस्लावा, फ्रांस, कनाडा, स्लोवेनिया, यूके, ऑस्ट्रेलिया और स्लोवाकिया के प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय वक्ता उपस्थित रहे। प्रो तारेक अल-ग़ज़ावी ने बताया कि वर्तमान के सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में 148600 ट्रिलियन गणनाएं कर सकता है। उन्होंने कहा कि नए-नए शोधो से दिन-प्रति दिन कंप्यूटर की क्षमता बढ़ रही है।

रक्षिता राजन सिंह चुनीं गई मिस रजत, मिस ब्यूटीफुल स्माईल का खिताब अंजली मिश्रा को 

प्रो. वीरा रोज़िनाजोवा ने डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करते हुए अधिक प्रभावी स्मार्ट ग्रिड पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी वैसे-वैसे इलेक्ट्रिसिटी की खपत और लोड में भी बढोत्तरी देखने को मिलेगी। भविष्य की इन समस्याओं से निपटने में स्मार्ट ग्रिड सहायक साबित होगी।

प्रो. स्टीफन पिस्टोरियस ने मेडिकल इमेजिंग के विषय में एक बात की। उन्होंने कहा कि माइक्रोवेव रडार इमेजिंग से स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग छवियों को फिर से संगठित करने और स्तन घावों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। प्रो. खान इखरुद्दीन ने क्वांटिटेटिव इमेज एनालिसिस विषय पर कहा कि क्वांटिटेटिव इमेज एनालिसिस से ब्रेन ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है।

अटैक्स से बचाने के लिए मशीन लर्निंग तकनीक के प्रयोग की वकालत की

प्रो. इज़राइल कोरन ने साइबर फिजिकल सिस्टम (फायरवाल, आईपीएस आदि) को अटैक्स से बचाने के लिए मशीन लर्निंग तकनीक के प्रयोग की वकालत की। उन्होंने कहा कि मशीन लर्निंग तकनीक के प्रयोग से रियल टाइम में साइबर फिसिकल सिस्टम पर होने वाले अटैक्स को नियंत्रित किया जा सकता है। इस अवसर पर कांफ्रेस के समन्वयक प्रो. एमके दत्ता ने चेक गणराज्य, स्पेन, ब्रिटेन, अमेरिका, स्विट्जरलैंड, स्लोवेनिया, कनाडा, ब्रातिस्लावा, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, आइसलैंड, नॉर्वे ऑस्ट्रिया और स्लोवाकिया जैसे विभिन्न देशों से पधारे 32 से अधिक वैज्ञानिकों का कांफ्रेस में पधारने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि कांफ्रेंस में 69 पेपर प्रस्तुत हुए। विभिन्न देशों से आए विज्ञानिको के 32 की-नोट व्याख्यान आयोजित किये गये। उन्होंने कहा कि विवि के कुलपति प्रो. पाठक के नेतृत्व में विवि के इतिहास की सबसे बड़ी कांफ्रेस सफलता पूर्वक सम्पन्न हुयी।

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