CS Upadhyay

शीर्षतम अदालत के एक कोने में डरकर सहमी हुई है हिन्दी

567 0

अंग्रेजों के राजद्रोह कानून को आजादी के 75 साल बाद भी जारी रखने की देश की शीर्ष अदालत की चिंतातुरता और प्रश्नाकुलता स्वाभाविक है, होनी भी चाहिए। शीर्षतम अदालत में कामकाज की आजादी को लेकर कुछ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ( supereme court) के जजों का विरोध  ‘जिंदाबाद’ था, लेकिन शीर्ष अदालतों के कक्षों में हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की अनुपस्थिति भी उतना ही बड़ा यक्ष प्रश्न है। मेरी अपील है कि संविधान के अनुच्छेद 348 में संशोधन की आवाज भी उन्हीं कक्षों से संसद तक पहुंचे।

यह त्वरित टिप्पणी है किशोरावस्था से सर्वोच्च न्यायालय एवं 25 उच्च न्यायालयों में हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं (संविधान की अष्टम अनुसूची में उल्लेखित 22 भाषाएं जिनकी लिपि उपलब्ध है) में मुकदमों की कार्यवाही  संपादित किए जाने एवं फैसले भी पारित किए जाने हेतु संघर्षरत ‘हिंदी से न्याय’ इस देश व्यापी अभियान के नेतृत्व पुरुष चंद्रशेखर पं.भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय की।

 

मैसूर के मेजर जनरल सेवानिवृत्त एस.जी. वोम्बटकेरे की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 जुलाई, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कि आजादी के 75 साल बाद भी अंग्रेजों के कानून की क्या जरूरत है? इस कानून का जारी रहना संविधान के कामकाज और व्यक्तियों की स्वतंत्रता के लिए एक गंभीर खतरा है। देश के मुख्य न्यायाधीश एन.वी.रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इस जनहित याचिका की सुनवाई अब दो हफ्ते बाद करेगी।

 

हिन्दी माध्यम से एलएलएम उत्तीर्ण करने वाले पहले भारतीय छात्र चंद्रशेखर उपाध्याय अपने एकल प्रयत्नों से इस अभियान को अंतिम द्वार तक ले आए हैं। मामला संसद के पटल तक पहुंच चुका है। मौजूदा सरकार अनुच्छेद 348 में संशोधन के मुद्दे से  अनजान नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी को चंद्रशेखर 2012 से अब तक सात पत्र लिख चुके हैं। फरवरी 2013 में उनकी मां श्रीमती पुष्पलता उपाध्याय ने मोदी को पत्र लिखा था। मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मोदी ने समूचे 7 वर्ष 1 माह 15 दिन में चंद्रशेखर को 7 मिनट तक का समय नहीं दिया है। चंद्रशेखर का ‘हिन्दी से न्याय’ देशव्यापी अभियान देश की सरहदों को पार करता हुआ विदेशों, यहां तक कि अंग्रेजों की धरती तक पहुंच गया है लेकिन हिन्दी, हिन्दू और हिन्दुस्तान के नाम पर सिंहासन तक पहुंचने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी है।

Related Post

CM Yogi inaugurated the metro tunnel construction work

सीएम योगी ने बटन दबाकर मेट्रो टनल निर्माण कार्य का किया शुभारंभ

Posted by - February 6, 2023 0
आगरा। जनपद में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) मेट्रो टनल निर्माण कार्य का शुभारंभ करने पहुंचे। मथुरा से…
Cm Yogi holds meeting

CM योगी ने दिए निर्देश, धार्मिक स्थलों में पांच से अधिक लोगों के प्रवेश पर रोक

Posted by - April 11, 2021 0
लखनऊ।  कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditynath) ने लखनऊ में कोविड-19 के उपचार…
kashi tamil sangamam

विश्वास और प्रेम में एक समानता यह है कि दोनों को जबरदस्ती हासिल नहीं किया जा सकता: शाह

Posted by - December 16, 2022 0
वाराणसी। एक महीने तक चले काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam)  का शुक्रवार को समापन हो गया। एम्फीथिएटर बीएचयू के…