नई दिल्ली। देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजा था। सुप्रीम कोर्ट संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर राष्ट्रीय योजना चाहता है। इस मामले पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने आज यानी शुक्रवार को भी सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं को अपने पास ट्रांसफर कर लिया है।
इस पीठ में चीफ जस्टिस एसए बोबडे के साथ जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट भी हैं जबकि मामले में कोर्ट ने हरीश साल्वे (Harish Salve) को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था जिन्हें अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पद से हटने की अनुमति दे दी है।
दरअसल सुप्रीम न्यायालय के स्वत: संज्ञान मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किए गए हरीश साल्वे (Harish Salve) ने खुद को इस मामले से हटाने का अनुरोध किया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हट जाने की अनुमति दे दी है। मिली जानकारी के अनुसार हरीश साल्वे (Harish Salve) ने बताया कि उन्हें कोविड संबंधित मामले में न्याय मित्र बनाए जाने पर कुछ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की आलोचना की थी।
जिसके जवाब में खुद को मामले से अलग करने काी अनुमति मांहते हुए साल्वे (Harish Salve) ने कहा, “मैं नहीं चाहता कि मामले में फैसले के पीछे यह कहा जाए कि मैं प्रधान न्यायाधीश को जानता हूं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने साल्वे को न्याय मित्र पद से हटने की अनुमति देते हुए कहा कि हमें भी यह जानकर बहुत तकलीफ हो रही है कि कोविड संबंधित मामले में साल्वे को न्याय मित्र नियुक्त करने पर कुछ वकील क्या कह रहे हैं।
कौन हैं हरीश साल्वे
हरीश साल्वे (Harish Salve) भारत के जाने माने वाकील हैं। उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल केस लड़े और जीते। इसमें कुलभूषण जाधव, रतन टाटा-सायरस मिस्री विवाद, सलमान खान का हिट एंड रन केस, वोडाफोन का टैक्स विवाद जैसे बड़े मामले शामिल हैं। साल्वे ने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव का इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पक्ष रखने के लिए सिर्फ एक रुपये फीस ली थी।