फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का निधन, PM मोदी ने कहा- हमने महान खिलाड़ी खो दिया

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कोविड-19 की चपेट में आने के 30 दिन बाद फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह (Flying Sikh Milkha Singh) ज़िन्दगी की जंग हार गए हैं। पांच दिन पहले ही उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का कोविड-19 की वजह से निधन हुआ था। और अब मिल्खा सिंह (Flying Sikh Milkha Singh) भी इस दुनिया में नहीं रहे। शुक्रवार रात उन्होंने PGIMER चंडीगढ़ में आखिरी सांस ली।

चैम्पियन मिल्खा सिंह (Flying Sikh Milkha Singh) 20 मई को वायरस की चपेट में आए थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक परिवार के एक कुक के पॉज़ीटिव पाए जाने के बाद उनकी तबीयत भी अचानक से बिगड़ी थी। इसके बाद 24 मई को उन्हें मोहाली के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। 30 मई को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लेकिन तीन जून को फिर से ऑक्सिजन लेवल गिरने की शिकायत के चलते उन्हें PGIMER के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था।

इसके बाद बीते गुरुवार को मिल्खा (Flying Sikh Milkha Singh) की कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद उन्हें कोविड ICU वार्ड से मेडिकल ICU वार्ड में शिफ्ट किया गया। लेकिन वहां पर फिर से तबीयत खराब होने की वजह से शुक्रवार को उनका निधन हो गया।

निधन की जानकारी उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह ने दी. उन्होंने इंडिनय एक्सप्रेस को बताया कि

”पिताजी का देहांत हो गया है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- हमने महान खिलाड़ी खो दिया।

भारत के लिए जीते ढेरों मेडल

भारत के ग्रेट एथलीट रहे मिल्खा सिंह (Flying Sikh Milkha Singh) का जन्म 30 नवंबर, 1928 को पाकिस्तान के गोबिंदपुरा में हुआ था। वो भारत के पहले ऐसे एथलीट बने जिन्होंने ब्रिटिश एम्पायर के समय गोल्ड मेडल जीता। इतना ही नहीं 1958 कार्डिफ में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर पहली बार भारत का नाम किया। कॉमनवेल्थ गेम्स में बना उनका ये रिकॉर्ड 50 साल तक अकेले उनके नाम ही रहा। 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में कृष्णा पूनिया ने मिल्खा के इस रिकॉर्ड की बराबरी की।

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