नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते दुनिया भर के बाजारों में कोहराम मचा हुआ है। इससे भारतीय शेयर बाजार भी अछूते नहीं रहे। शुक्रवार को सेंसेक्स में इतिहास की दूसरी बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 1,448 अंक और निफ्टी में 432 अंकों की कमजोरी देखने को मिली है। यह लगातार छठा सत्र रहा, जब बाजार लाल निशान में बंद हुआ। इससे कुछ ही घंटों में निवेशकों के लगभग 5.46 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बिकवाली इतनी तगड़ी थी कि धातु, आईटी, वाहन सहित कोई भी सूचकांक गिरावट से अछूता नहीं रहा।
बिकवाली इतनी तगड़ी थी कि धातु, आईटी, वाहन सहित कोई भी सूचकांक गिरावट से नहीं रहा अछूता
कारोबारी सत्र के दौरान बाजार में चौतरफा बिकवाली हावी रही और सेंसेक्स में 1,525 अंकों तक की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि बाद में 1,448 अंक कमजोर होकर 38,297.29 पर बंद हुआ। इसी प्रकार निफ्टी 431.55 अंक टूटकर 11,201.75 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में आठ फीसदी की कमजोरी के साथ टेक महिंद्रा सबसे ज्यादा गिरने वाला शेयर रहा। इसके अलावा टाटा स्टील, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, एचसीएल टेक, इन्फोसिस, एसबीआई और बजाज फाइनेंस में 7.50 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई।
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छह सत्र में 3,000 अंक टूटा सेंसेक्स
पिछले छह कारोबारी सत्र से जारी गिरावट पर गौर करें। तो इस दौरान निवेशकों के शेयर बाजार में लगभग 11.76 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं। इस दौरान सेंसेक्स 2,974 अंक यानी लगभग 7.3 फीसदी कमजोर होकर 38,297 पर बंद हुआ, जबकि बुधवार को यह 41,323 के स्तर पर था। वहीं एक दिन में निवेशकों की बाजार पूंजी 5.46 लाख करोड़ रुपये घटकर 146.93 लाख करोड़ रुपये रह गई।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारी बिकवाली से खुदरा निवेशकों की बढ़ाई चिंता
विश्लेषकों ने बताया कि दुनिया भर में कोरोना के पीड़ितों के मामले सामने आने और इसके आर्थिक असर के आंकलन से वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ती जा रही है। चीन से शुरू होने के बाद दुनिया भर में लगभग 83 हजार लोग इसके पीड़ित हो चुके हैं। ट्रेडर्स ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारी बिकवाली से खुदरा निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
स्टॉक एक्सचेंज से मिले अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक, इस हफ्ते एफपीआई ने लगभग 9,389 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।
छह कारोबारी सत्र के दौरान रिफाइनरी, बैंक, वित्त और सूचना प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों की बाजार पूंजी में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी दर्ज
सेक्टरों की बात करें तो पिछले छह कारोबारी सत्र के दौरान रिफाइनरी, बैंक, वित्त और सूचना प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों की बाजार पूंजी में एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा वाहन, बुनियादी ढांचा, विमानन, बिजली उत्पादन व वितरण और शिपिंग क्षेत्र में 19 फरवरी से अभी तक 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।
सेंसेक्स की पांच बड़ी गिरावट
तारीख 1 फरवरी, 2020
24 अगस्त, 2015 1,624
28 फरवरी, 2019 1,448
21 जनवरी, 2008 1,408
24 अक्तूबर, 2008 1,070
1 फरवरी, 2020 988
जानें गिरावट की पांच बड़ी वजह
- कोरोना के प्रकोप के चलते दुनिया भर के बाजारों में बढ़ी अनिश्चितता, एशिया, अमेरिका, यूरोप सभी देशों में गिरावट।
- निफ्टी के 200 डीएमए (डेली मूविंग एवरेज) के नीचे जाने से तेज हुई बिकवाली।
- चीन बाधित हो रहा आयात, घरेलू उद्योग पर भारी असर पड़ने की आशंका।
- पर्यटन को झटका लगने की आशंका, चीन की है इस क्षेत्र में बड़ी हिस्सेदारी, आटो-विमानन सहित सभी सेक्टरों पर असर।
- जीडीपी के आंकड़ों को लेकर निवेशकों का रहा सतर्क रुख, बढ़ी बिकवाली।
इससे पहले वर्ष 2008 में आई मंदी में ऐसी स्थिति रही
लगभग सभी एशियाई बाजारों में भी गिरावट जारी रही। जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड के अलावा ऑस्ट्रेलियाई बाजारों में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही। इससे पहले वर्ष 2008 में आई मंदी में ऐसी स्थिति रही थी।
कोरोनावायरस की चिंताओं के बीच दुनिया भर में निवेशकों के डूबे 216 लाख करोड़ रुपये
कोरोनावायरस की चिंताओं के बीच एशिया, अमेरिका, यूरोपीय देश भी गिरावट से अछूते नहीं रहे। अमेरिकी बाजार बेंचमार्क एसएंडपी 500 में 4.4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जो 2011 से अब तक की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। वहीं एशिया सहित दुनिया भर के बाजारों के लिए यह लगभग 11 साल का सबसे खराब हफ्ता रहा है। गिरावट इतनी तगड़ी रही कि इस हफ्ते दुनिया भर में निवेशकों के लगभग 3 लाख करोड़ डॉलर (216 लाख करोड़ रुपये) डूब गए हैं।