नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्वाचन आयोग को अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि चुनावी मंच भजन गाने के लिए नहीं होता। उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ आपसी बातचीत को रैली में कोट किया था। आपसी बातचीत को कोट करना आचार संहिता में नहीं आता। उन्होंने सवाल किया-कोई चीज कहीं लिखी है या कहीं बोली गई है। अगर मैं वह भी नहीं बोल सकता तो फिर मंच पर कोई भजन करने के लिए जाता है।
ये भी पढ़ें :-लोकसभा चुनाव 2019: AAP को झटका, बीजेपी में शामिल हुए पार्टी के विधायक
चुनाव आयोग ने बृहस्पतिवार को उनकी कथित बाबर की औलाद टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी
बता दें कि चुनाव आयोग ने बृहस्पतिवार को उनकी कथित बाबर की औलाद टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इससे पहले भी योगी को उनके बयान को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से प्रचार को बैन किया जा चुका है। जिसमें चुनाव आयोग ने उल्लेख किया है कि यूपी के संभल में 19 अप्रैल को आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुये योगी ने कहा, क्या आप देश की सत्ता आतंकवादियों को सौंप देंगे? जो खुद को बाबर की औलाद कहते हैं…उनको जो बजरंगबली का विरोध करते हैं।
ये भी पढ़ें :-लोकसभा चुनाव 2019: हम ही हैं बिहार के दूसरे लालू प्रसाद यादव – तेज प्रताप
योगी और मायावती पर चुनाव आयोग सख्त, प्रचार पर लगाई रोक
चुऩाव पैनल ने उन्हें इस नोटिस का जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय देते हुये आदर्श आचार संहिता के एक प्रावधान का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि समुदायों के मध्य परस्पर घृणा उत्पन्न करने या मतभेदों को बढ़ाने वाली कोई गतिविधि नहीं की जायेगी। इससे पहले आयोग उनकी सांप्रदायिक टिप्पणियों के चलते उनके चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे का प्रतिबंध लगा चुका है।
बता दें कि इससे पहले भी चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कदम उठाते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। इस दौरान योगी आदित्यनाथ और मायावती न ही किसी रैली में हिस्सा ले पाएं और न ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएं।