रिमाण्ड में आए पीएफआई के दोनों कमाण्डर हुई पूछताछ

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लखनऊ। देशभर में हमले की साजिश रचने में गिरफ्तार पीएफआई(P FI) के दोनों कमांडरों से यूपी एटीएस और एसटीएफ ने गुरूवार को घण्टों पूछताछ की। पूछताछ में दोनों से सबसे बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि पीएफआई के शीर्ष लोगों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई लगातार संपर्क में है। दोनों आरोपियों ने जांच अधिकारी को बताया कि आईएसआई के आलाधिकारियों ने देश में सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान ही पीएफआई से संपर्क किया था। पीएफआई के दोनों कमाण्डरों अंसद बदरुद्दीन और फिरोज खान को एटीएस ने गुरूवार को अपनी कस्टडी में लिया था।

पीएफआई (P FI)  के दोनों आरोपियों को सुबह नौ बजे अपनी कस्टडी में लिया था। उसके बाद हुई पूछताछ में उन दोनों ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि आतंक फैलाने की साजिश साल भर पहले रची गई थी। इसमें भीड़ पर बड़े पैमाने पर हमले की योजना थी। इसे सीएए और एनआरसी के हिंसक आंदोलन को असफल होने के बाद अंजाम देना था। मगर, पीएफआई के कई नेताओं की गिरफ्तारी व कोविड-19 के कारण लॉक डाउन के चलते साजिश टाल दी गई थी। उस साजिश को इसी फरवरी के अंत में अंजाम देना था।

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एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक दोनों के पास से कई दस्तावेज मिले हैं। इनमें एक साल पहले की डायरी के पन्ने पर आतंकी हमले की योजनाबद्ध तरीके से तैयारी का जिक्र है। पीएफआई के कमांडर अंसद बदरुद्दीन और फिरोज खान ने एसटीएफ की पूछताछ में कुबूल किया है कि साल भर पहले ही भीड़ पर हमले की योजना थी। मगर संगठन के लोगों की गिरफ्तारी और कोरोना के कारण लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई तो इसे टालना पड़ा।
दोनों के पास से डायरी का जो पन्ना मिला है वह जनवरी 2020 का है। इसमें कुछ अंग्रेजी व कुछ मलयालम भाषा में कोड वर्ड लिखा है। अंग्रेजी के कोड वर्ड को एसटीएफ व एटीएस ने डीकोड कर लिया है। मलयालम में लिखे कोड के लिए संबंधित भाषा के विशेषज्ञों से संपर्क किया गया। दोनों के पास से एक पेन ड्राइव भी मिला है, जिसमें मलयालम में कई कोड वर्ड लिखे हैं।

यहां बता दें कि एटीएस ने दोनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमाण्ड पर लेने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। न्यायालय ने दोनों को सात दिन की कस्टडी रिमाण्ड दिये जाने के निर्देश दिये थे। ये रिमाण्ड गुरूवार सुबह नौ बजे से शुरू होनी थी। न्यायालय के आदेश के अनुसार एटीएस की टीम ने गुरूवार की सुबह लखनऊ जेल से दोनों आरोपियों को अपनी कस्टडी में ले लिया और उनका डाक्टरी परीक्षण कराया गया। उसके बाद दोनों को एटीएस मुख्यालय ले जाया गया।

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