सरकार का इरादा भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) जनवरी, 2022 तक लाने का है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने इस साल जनवरी में बीमांकक कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया को आईपीओ से पहले एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकालने के लिए नियुक्त किया था। नवंबर अंत तक नियामकीय मंजूरियां मिलने की उम्मीद है। एलआईसी के निर्गम का 10 प्रतिशत हिस्सा इसके पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा।
RFP issued for selecting Book Running Lead Managers and other advisers for LIC IPO. Details at DIPAM website. pic.twitter.com/t5EjQt8D0B
— Secretary, DIPAM (@SecyDIPAM) July 15, 2021
प्रस्तावित आईपीओ के लिए सरकार पहले ही एलआईसी कानून में जरूरी विधायी संशोधन कर चुकी है। डेलॉयट और एसबीआई कैप्स को आईपीओ पूर्व सौदे का सलाहकार नियुक्त किया गया है। एलआईसी की सूचीबद्धता सरकार के चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस 1.75 लाख करोड़ रुपये में एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे। शेष 75,000 करोड़ रुपये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के विनिवेश से आएंगे।
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इसके अलावा एलआईसी अधिनियम, 1956 के तहत कुछ अन्य नियमों में भी संशोधन किए गए हैं। इस महीने सात तारीख को जारी एक गजट अधिसूचना के अनुसार, ‘‘अधिनियम (एलआईसी अधिनियम 1956) की धारा चार के तहत मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक का अर्थ केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक से है।’’