लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप दी है।
आयोग का कार्यकाल 06 महीने का था, लेकिन आधे से कम समय में ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट बनाकर सौंप दी है, जिसकी आज मंत्रिपरिषद ने भी बैठक में प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 27 दिसम्बर के आदेश पर 28 दिसम्बर, 2022 को सेवानिवृत्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में 05 सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था।
श्री शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव (Nikay Chunav) के लिए 05 दिसम्बर, 2022 को अंतिम अधिसूचना जारी की गयी थी। जिसमें पिछड़े वर्ग के लोगों को प्रदेश सरकार ने पूर्ण आरक्षण दिया था, लेकिन इस जारी अधिसूचना के खिलाफ उच्च न्यायालय में वाद दायर होने से निकाय चुनाव तय समय में नहीं हो सके।
नगर निकाय चुनाव : पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को योगी सरकार ने दी मंजूरी
प्रदेश सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के इस सम्बंध में आये निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी थी, जिसके निर्देशों के क्रम में यह आयोग गठित किया गया। 11 अप्रैल, 2023 को प्रदेश के निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग के आरक्षण को लेकर अगली सुनवाई होनी है। इसके पश्चात ही निकाय चुनाव के सम्बंध में कोई फैसला हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को एक-दो दिन में सर्वोच्च न्यायालय को प्रस्तुत कर दी जायेगी। प्रदेश सरकार निकाय चुनाव में पिछड़े वर्ग को पूर्ण आरक्षण देने के पक्ष में है।