बेटी का 'फर्ज'

पिता की मौत के बाद भावना ने अंतिम संस्कार कर निभाया बेटी का ‘फर्ज’

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कासगंज। बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं होता है। इस बात को कासगंज की एक बेटी ने सच साबित कर दिखा है। कासगंज की बेटी ने अपने पिता की मौत हो जाने के बाद गंगाघाट जाकर अंतिम संस्कार अपने हाथों से संपन्न किया।

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एसजेएस इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आरके पाठक का बीमारी के चलते अपोलो अस्पताल में निधन हो गया

भावना ने पुत्र का फर्ज निभाकर बेटा और बेटी के अंतर को मिटा दिया है। नगर के एसजेएस इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आरके पाठक का बीमारी के चलते अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। प्रधानाचार्य आरके पाठक के केवल एक ही बेटी भावना पाठक हैं। जिसकी पिछले माह ही 17 जनवरी को बदायूं से शादी हुई है।

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पिता के बीमार होने पर भावना चिकित्सालय में रही। रात को उनका शव कासगंज लाया गया। बुधवार को शवयात्रा के बाद कछला गंगाघाट जाकर भावना ने पिता की चिता को मुखाग्रि दी। यह देखकर सभी लोग बेटी के हौंसले को सलाम करते नजर आ रहे थे।

पिता के निधन पर उनका अंतिम संस्कार स्वयं किया और मोक्ष की कामना की

कछला गंगाघाट पर लोगों के बीच यही चर्चा थी कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। भावना ने कहा कि उनके पिता ने उन्हें हमेशा लाड़ प्यार से पाला था। उनके मन में हमेशा माता-पिता की सेवा करने की भावना थी। आज पिता के निधन पर उनका अंतिम संस्कार स्वयं किया और मोक्ष की कामना की।

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