एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कल अयोध्या के रुदौली पहुंच रहे हैं। उनके कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन ने अनुमति दे दी है। सोशल डिस्टेंसिंग के तहत 50 लोग शामिल हो सकेंगे। उनके यहां आने से पहले ही शहर में राजनीति तेज हो गई है। दरअसल उनके सम्मेलन के एक पोस्टर में अयोध्या की जगह फैजाबाद को जिला बताया गया है। इस बात पर काफी लोगों के अलावा राम नगरी के संतों ने भी अपना विरोध जताया है।
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी तीन दिनों के दौरे पर कल मतलब मंगलवार को यूपी पहुंच रहे हैं। इस बार की उनकी चुनावी यात्रा का फ़ोकस अयोध्या है जिसे उन्होंने फ़ैज़ाबाद बना कर चुनावी दांव आज़माया है। इसी दांव में अयोध्या में मस्जिद गिराने की घटना को वे शहादत बता रहे हैं।
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सियासत की लैला असदुद्दीन ओवैसी के मजनू तो बीजेपी वाले भी हैं और समाजवादी पार्टी के भी. कांग्रेस के भी और बीएसपी के भी। अयोध्या के राम मंदिर की कृपा से भगवाधारी पार्टी यूपी की सत्ता में है तो ओवैसी बाबरी मस्जिद के नाम पर चमत्कार की आस में हैं। पूरा मामला वोटों के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का है। मतलब हिंदू और मुसलमान के वोटों का बंटवारा इसीलिए विपक्ष ओवैसी को बीजेपी की बी टीम बताता है लेकिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि ओवैसी राष्ट्रीय नेता हैं और उनका अपना जनाधार है। अब आरोप जो भी लगे लेकिन सच तो ये भी है कि जहां ओवैसी की पार्टी नहीं होता वहां भी तो बीजेपी जीत रही है।
                        
                
                                
                    
                    
                    
                    
                    
