संसद में बिना बहस कानून पास होने पर नाराज हुए चीफ जस्टिस, कहा- भुगतना कोर्ट को पड़ रहा

404 0

देश आज 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना ने संसद की आलोचना की। उन्होंने लोगों का ध्यान सदन के भीतर कानूनों पर बहस के समय में कटौती पर दिलाया, कहा- पहले सदन के दोनो सदनों में समुचित बहस होती थी पर अब नहीं। उन्होंने कहा- बहस न होने के कारण ही कानूनों में खामियां और अस्पष्टता साफ नजर आती है, जनता के लिए भी असुविधा पैदा हो जाती है।

सीजेआई ने कहा- उचित बहस न होने के कारण जो कानून पास हुए वह कोर्ट के लिए सिरदर्दी बढ़ाने वाले हैं क्योंकि सारे मामले कोर्ट में ही आएंगे। गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले दिनों नए आईटी नियमों में खामिया बताते हुए इसके कुछ हिस्सों पर रोक लगा दिया, कहा- इसकी जरूरत ही नहीं।

सीजेआई ने कहा कि यदि आप उन दिनों सदनों में होने वाली बहसों को देखें, तो वे बहुत बुद्धिमानी भरा और रचनात्मक हुआ करते थे, साथ ही वे जो भी कानून बनाते थे उस पर बहस करते थे। लेकिन अब वह स्थिति नहीं रही। इसकी वजह से हम कानूनों में कई खामियां और अस्पष्टता देखते हैं।उन्होंने कहा कि कानूनों में कोई स्पष्टता नहीं है।

बुंदेलखंड के लोगों की लड़ाई लड़ते रहे हैं, लड़ते रहेंगे – बृजभूषण राजपूत

हम नहीं जानते कि कानून किस उद्देश्य से बनाए गए हैं। यह सरकार के लिए बहुत सारे मुकदमेबाजी, असुविधा और नुकसान के साथ-साथ जनता को असुविधा पैदा कर रहा है। अगर सदनों में बुद्धिजीवी और वकील जैसे पेशेवर न हों तो ऐसा ही होता है।

Related Post

रवींद्र रैना लश्कर-ए-तैयबा के निशाने पर

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना लश्कर-ए-तैयबा के निशाने पर

Posted by - December 5, 2019 0
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रवींद्र रैना लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के निशाने पर हैं। रैना ने…
CM Sai

कांग्रेस ने कवर्धा को अशांत कर दिया, हिन्दू ध्वज और सनातनियों का अपमान किया: सीएम विष्णु देव साय

Posted by - April 6, 2024 0
कवर्धा/रायपुर। कांग्रेस ने अपने 5 साल के शासनकाल में कवर्धा को अशांत कर दिया था। यहां के तत्कालीन विधायक मोहम्मद…