Tihar Jail

तिहाड़ जेल से सामने आए कोरोना संक्रमण के 95 नये मामले

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नई दिल्ली। तिहाड़ जेल (Tihar Jail) से कोरोना संक्रमण के 95 नये मामले सामने आए हैं। इनमें 49 कैदी और 46 जेल कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं। जेल सूत्रों के अनुसार बीते 17 अप्रैल तक जेल में कोरोना के 110 कैदियों और 24 जेल कर्मचारियों को कोरोना था।

दिल्ली की जेल में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। 17 अप्रैल तक जहां जेल में कोरोना संक्रमण के 124 मामले थे तो वहीं 19 अप्रैल को यह बढ़कर 219 हो गए हैं। महज दो दिन के भीतर यहां 95 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं जिसके चलते जेल में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। संक्रमितों में कैदी के अलावा जेल स्टॉफ एवं डॉक्टर भी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली की तीनों जेल में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी चपेट में रोजाना कैदी एवं कर्मचारी आ रहे हैं। बीते दो दिनों में तिहाड़ जेल से कोरोना संक्रमण के आए 95 नये मामलों में 49 कैदी और 46 जेल कर्मचारी संक्रमित पाए गए।

जेल सूत्रों के अनुसार बीते 17 अप्रैल तक जेल में कोरोना के 110 कैदियों और 24 जेल कर्मचारियों को कोरोना था. वहीं 19 अप्रैल को जेल में कोरोना संक्रमण 124 से बढ़कर 219 हो गए हैं. इनमें 159 कैदी जबकि 60 कर्मचारी शामिल हैं. कोरोना संक्रमण की रफ्तार से तिहाड़ प्रशासन चिंतित है.

क्षमता से दोगुने कैदी हैं जेल में बंद

राजधानी की तीन जेल तिहाड़, रोहिणी एवं मंडोली जेल की क्षमता लगभग 10,500 कैदियों को रखने की है, लेकिन अभी के समय में 20 हजार से ज्यादा कैदी इन जेलों में बंद हैं। इसके चलते कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना बेहद मुश्किल है। कैदियों के बीच कोरोना के मामले बढ़ने का एक बड़ी वजह वहां मौजूद कैदियों की अधिक संख्या है।

सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2020 में संक्रमण बढ़ने के समय जेल के भीतर कैदियों की संख्या लगभग 16 हजार थी। वर्ष 2020 में जेल से 6500 कैदियों को पैरोल एवं अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था, लेकिन इनमें से लगभग 3400 कैदियों ने पैरोल एवं अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने पर सरेंडर नहीं किया है।

हाई कोर्ट में कैदियों को छोड़ने की याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका भी तिहाड़ जेल (Tihar Jail) को लेकर दाखिल की गई है। इसमें बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के मामले तिहाड़ जेल (Tihar Jail)  में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए वहां मौजूद भीड़ को कम करने के लिए कैदियों को अंतरिम जमानत या पैरोल पर छोड़ा जाए।

इस याचिका में अधिवक्ता आरके गुसाई ने कहा है कि कोविड-19 से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है, लेकिन दिल्ली की जेल में कैदियों की संख्या इतनी ज्यादा है कि वहां उनके बीच दूरी बनाना संभव नहीं है।

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