उज्जैन: मध्यप्रदेश के महादेव की नगरी उज्जैन की रहने वाली 21 वर्षीय लक्षिका डागर ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जीत हासिल की है। मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की सरपंच (Sarpanch) (गांव की मुखिया) एक लड़की बन गई है, लक्षिका डागर ने अपने गांव का नाम रोशन किया साथ ही ये सभी सन्देश दिया की लड़की भी लड़को से कम नहीं वो छोटी सी उम्र में बड़ी मुकाम हासिल की। लक्षिका ने अपने जन्मदिन से एक दिन पहले मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की महिला सरपंच होने का खिताब जीता है।
लक्षिका के घोषणापत्र पर मतदाताओं ने आशीर्वाद दिया। उम्मीदवारों में लक्षिका सबसे कम उम्र की उम्मीदवार थीं। लक्षिका ने सभी उम्मीदवारों को हराकर 487 मतों से जीत हासिल की। ग्राम पंचायत चिंतामन जवासिया में सरपंच पद के लिए गांव की आठ महिला उम्मीदवारों ने मैदान में प्रवेश किया था। वह जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा रखती हैं और उज्जैन में रेडियो जॉकी और पत्रकारिता से जुड़ी हैं।
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घोषणापत्र में वादा किया गया है कि समस्या गांव में पेयजल, नाली और स्ट्रीट लाइट की समस्या का समाधान करना होगा। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद, मेरा उद्देश्य गांव के विकास के लिए काम करना था।गांव के बेघर परिवारों को आवास योजना का लाभ दिलाने का वादा पूरा किया जाएगा। यहां मीडियाकर्मियों को बताया।