योगी सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित 77 आपराधिक मामलों को बिना कारण बताए लिया वापस

559 0

यूपी सरकार ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित 77 आपराधिक मामलों को वापस ले लिया है। इन मामलों में अधिकतम सजा आजीवन कारावास है। सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि इन मामलों को बिना कोई कारण बताए वापस ले लिया गया है। केवल यह बताया गया है कि प्रशासन ने पूरी तरह से विचार कर विशेष मामले को वापस लेने का निर्णय लिया है। सांसदों/ विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों के जल्द ट्रायल के मामले में एमिक्स क्यूरी विजय हंसारिया ने ये रिपोर्ट दाखिल की है।

हंसारिया ने कहा कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों से संबंधित जिन 77 मामलों को सीआरपीसी की धारा 321 के तहत वापस ले लिया गया है, इस पर हाईकोर्ट जांच कर सकता है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त, 2021 को निर्देश दिया था कि हाईकोर्ट की अनुमति के बिना किसी मौजूदा या पूर्व सांसद-विधायक के खिलाफ कोई मुकदमा वापस नहीं लिया जाएगा।

एमाइकस क्यूरी विजय हंसरिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकार की सूचना के मुताबिक 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में कुल 6869 आरोपियों के खिलाफ 510 मामले मेरठ जोन के पांच जिलों में दर्ज किए गए थे।  इन 510 मामलों में से 175 में आरोप पत्र दायर किए गए। 165 मामलों में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की गई, और 170 मामलों को हटा दिया गया था।

नारायण राणे को राहत, महाड कोर्ट से मिली जमानत

इसके बाद राज्य सरकार द्वारा सीआरपीसी की धारा 321 के तहत 77 मामले वापस ले लिए गए।  सरकारी आदेश में मामला वापस लेने का कोई कारण भी नहीं बताया गया। केवल यह कहा गया है कि प्रशासन ने पूरी तरह से विचार करने के बाद विशेष मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया है। बता दें कि CRPC की धारा-321 के तहत राज्य सरकारों को केस वापस लेने का अधिकार दिया गया है। हालांकि 10 अगस्त को कोर्ट ने कहा था कि मामले सिर्फ जनहित में या अन्याय होने की स्थिति में ही हटाए जा सकते हैं, न कि राजनीतिक फायदे के लिए।

Related Post

Yogi

विंध्याचल में विकास को नई दिशा दे रही योगी सरकार

Posted by - September 11, 2023 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास के साथ ही नागरिक सुविधाओं संबंधी इंफ्रास्ट्रक्चर्स को सुदृढ़ करने में लगी योगी सरकार…