Nagaland

नगालैंड से सारी दुनिया सीखे

284 0

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

नगालैंड (Nagaland), त्रिपुरा और मेघालय में भाजपा का डंका बज गया, यह देश ने जमकर देखा लेकिन वहां जो असली विलक्षण घटना हुई है, उसकी तरफ लोगों का ध्यान बहुत कम गया है। वह विलक्षण घटना यह है कि जिन पार्टियों ने चुनाव में एक-दूसरे का डटकर विरोध किया, उन्होंने भी मिलजुल कर अब नई सरकार बनाई है। इतना ही नहीं, वे छोटी-मोटी पार्टियां, जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा आदि का विरोध करती रही हैं, उन्होंने भी नगालैंड (Nagaland) में ऐसी सरकार बनाई है, जैसी दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में भी नहीं है।

नगालैंड (Nagaland) की ताजा सरकार ‘नेशनलिस्टिक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी’ के नेतृत्व में बनी है। उसके नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं। उनकी 60 सदस्योंवाली विधानसभा में एक भी सदस्य ऐसा नहीं है, जो कहे कि मैं विपक्ष में हूं या मैं विरोधी दल हूं। तो क्या हम यह मान लें कि रियो ने साठों की साठ सीटें जीत लीं? नहीं, ऐसा नहीं हुआ है। उनकी पार्टी और भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं लेकिन उनकी संख्या कुल 37 हैं। 60 में से 37 याने आधी से सिर्फ 7 ज्यादा! फिर भी क्या बात है कि नगालैंड में कोई विरोधी दल नहीं है? जिन आठ दलों ने विरोधी बनकर चुनाव लड़ा था, उनमें 4 पार्टियां नगालैंड (Nagaland) के बाहर की थीं। सभी आठों पार्टियों के जीते हुए विधायकों ने कहा है कि हम सत्तारुढ़ गठबंधन के साथ है। अभी तक यह निश्चित नहीं है कि इन विरोधी पार्टियों के विधायकों में से कुछ को मंत्री बनाया जाएगा या नहीं।

शरद पवार की नेशनल कांग्रेस पार्टी को 7 सीटें मिली हैं। वह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। उसे दुविधा है, भाजपा से हाथ मिलाने में! इसीलिए वह सरकार को बाहर से ही समर्थन देगी। जो भी हो, नगालैंड (Nagaland) में जो सरकार बनेगी और चलेगी, मेरी राय में वह दुनिया के सभी लोकतंत्रों के लिए आदर्श है। दुनिया की संसदों में पक्ष और विपक्ष की पार्टियां जो फिजूल का दंगल करती हैं और अपना तथा देश का समय नष्ट करती रहती हैं, उससे भारत, एशिया, अफ्रीका, अमेरिका और यूरोप के लोकतांत्रिक देशों को छुटकारा मिलेगा। जो भी सरकार सर्वसम्मति से बने, उसमें दलीय संख्या के अनुपात में मंत्री बना दिए जा सकते हैं। मंत्रिमंडल के सभी फैसले बहुमत के आधार पर होंगे।

नगालैंड (Nagaland) से भारत और दुनिया के सभी राजनीतिक दल प्रेरणा लेकर अपने-अपने देश में वैसी ही सरकारें बना सकते हैं, जैसी आजादी के बाद 1947 में भारत में जवाहरलाल नेहरु के नेतृत्व में बनी थी। उस नेहरु सरकार में घनघोर गांधीविरोधी भीमराव आंबेडकर और जनसंघ के जनक श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी मंत्री थे।

नागालैण्ड से हमने क्या सीखा ?

उसके 14 मंत्रियों में हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, दक्षिण भारतीय, दलित, महिला आदि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व था। वह सचमुच की राष्ट्रीय सरकार थी। आजकल की पार्टी-आधारित सरकारों में भी इन वर्गों का प्रतिनिधित्व रहता है लेकिन उन सब पर सेंत-मेंत प्रहार करने के लिए हम एक विपक्ष भी फिजूल में खड़ा कर लेते हैं।

Related Post

CM Dhami

सीएम धामी ने स्वर्ण पदक विजेता एथिलीटों से की भेंट

Posted by - November 15, 2022 0
देहारादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में 37वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 10…
CM Vishnudev Sai

भारतीय किसान मोर्चा ने घरघोड़ा धरमजयगढ़ से यात्री ट्रेन चलाने मुख्यमंत्री साय को सौंपा ज्ञापन

Posted by - March 27, 2024 0
रायगढ़। खरसिया से धरमजयगढ़ रेलवे ट्रेक मार्ग तीन साल से बनकर तैयार है। वर्तमान में कोयला परिवहन किया जा रहा…
CM Yogi

यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा के सफलता पर मुख्यमंत्री योगी ने दी बधाई

Posted by - August 31, 2024 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की आरक्षी भर्ती परीक्षा (UP Police Constable Exam) के सफलता को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi)…
9 soldiers martyred in Naxalite IED blast

बीजापुर में नक्सलियों ने जवानों के वाहन पर किया आईईडी ब्लास्ट, 9 जवान शहीद

Posted by - January 6, 2025 0
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बड़ा नक्सली (Naxalite Attack) हमला हुआ है। नक्सलियों ने जवानों के वाहन पर आईईडी ब्लास्ट…
CM Yogi

किसान किसी के सामने हाथ न फैलाएं, यह केंद्र व राज्य सरकार का उद्देश्यः सीएम योगी

Posted by - December 9, 2024 0
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि आजादी के बाद किसानों के नाम पर राजनीति बहुत लोगों ने…